ब्रेकिंग न्यूज़

Life Style: गर्मी में सेहत का असली साथी है बेल का शरबत, ये 5 फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान Punganur cow: दुनिया की सबसे छोटी पुंगनूर गाय की खूबियाँ सुनकर उड़ जाएंगे होश, ऋषि-मुनि भी इस गाय को पालते थे! Success Story: विदेश में पढ़े इस युवक ने छोले-कुलचे को बनाया ब्रांड, अब कमा रहे हैं करोडों रुपए; जानिए...अनोखी स्टार्टअप की जर्नी Ajay Devgn: "कराटे किड: लेजेंड्स" में बाप-बेटे की एंट्री, बॉक्स-ऑफिस पर धमाल मचा देगी यह बहुप्रतीक्षित फिल्म Bihar Passport News: बिहार में पासपोर्ट बनाने का नया हब! जानिए किस जिले ने सीवान और छपरा को छोड़ा पीछे Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार व्यवसायी से 5 लाख की लूट, फ़िल्मी अंदाज में दिया गया वारदात को अंजाम Bihar Crime News: भतीजी की शादी से पहले चाचा की मौत, संदिग्ध अवस्था में शव बरामद Bihar News: बारिश के बाद भी खुले रहेंगे बालू घाट! बालू माफियाओं की खैर नहीं, डिप्टी सीएम ने किया बड़ा ऐलान Bullet train in Bihar: बिहार के इस जिले से गुजरेगी बुलेट ट्रेन, जमीन अधिग्रहण को लेकर आई बड़ी अपडेट PK Sahu Bsf jawan: सीमा पार कर गए BSF जवान PK साहू पाकिस्तान से लौटे सुरक्षित, भारत ने भी पाक रेंजर को सौंपा

रडार पर बिहार के 8 ड्रग इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य विभाग के चीफ सेक्रेटरी को मिली नोटिस

1st Bihar Published by: Updated Thu, 23 Jan 2020 06:57:05 PM IST

रडार पर बिहार के 8 ड्रग इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य विभाग के चीफ सेक्रेटरी को मिली नोटिस

- फ़ोटो

PATNA : बिहार के 8 ड्रग इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज द्वारा दर्ज करायी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है.  नोटिस में मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव को ब्रांड प्रोटेक्शन द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग को आठ सप्ताह के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.


8 ड्रग इंस्पेक्टरों में विश्वजीत दासगुप्ता, क्यूमुद्दीन अंसारी जैसे नाम भी शामिल हैं. जिनके ऊपर गाज गिर सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि उन्हें अब तक आयोग के आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है. आयोग की प्रति मिलने पर वह आदेश के अनुरूप मामले को देखेंगे. बता दें कि पटना के पीरबहोर थाना इलाके के जीएम रोड में बीते 21 नवंबर और राजीव नगर थाना इलाके में हुए दवा छापेमारी मामले में दवा माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर कुछ ड्रग इंस्पेक्टरों के रडार पर आने की बात सामने आयी थी. बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा था.


आरोप है कि दवा छापेमारी के बाद नकली दवाएं पकड़ी जाती हैं, लेकिन थानों में जब एफआइआर करा के आरोपितों पर कार्रवाई करने की बात आती है तो संबंधित इंस्पेक्टर अपना हाथ पीछे खींच लेते हैं. ब्रांड प्रोटेक्शन के प्रबंध निदेशक सैयद मुस्तफा हुसैन ने आयोग में दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी संस्थान दवा के काले कारोबारियों की कारनामों को उजागर करने के लिए औषधि नियंत्रक की भांति दवा कंपनियों की जांच करता है और इसी कड़ी में उसके द्वारा कई बड़ी कार्रवाई की गयी हैं तथा दवा के अवैध कारोबार को उजागर किया गया है.



ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज की इस कार्रवाई के एवज में प्रदेश के औषधि नियंत्रक और सहायक औषधि नियंत्रक द्वारा उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. इसको लेकर उनके द्वारा पूर्व लोकायुक्त में भी शिकायत की गयी थी. जिस पर लोकायुक्त ने मार्च तक औषधि विभाग को कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, साथ ही कंपनी के निदेशक और निगरानी की भी टीम को शामिल करने के लिए कहा गया था. जिस पर लोकायुक्त ने औषधि नियंत्रकों को फटकार लगायी थी.