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1st Bihar Published by: Updated Tue, 14 Jul 2020 08:30:24 AM IST
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MUMABI : राजस्थान में सियासी संकट को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अलर्ट मोड में आ गए हैं। उद्धव ठाकरे ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच घंटों तक राजस्थान के सियासी घटनाक्रम से लेकर महाराष्ट्र की राजनीति पर चर्चा हुई है। इस मीटिंग को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजस्थान में सियासी उठापटक के लिए कांग्रेस लगातार भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रही है। राजस्थान के पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जा चुकी है और अब वहां शिवराज सिंह चौहान सत्ता में हैं। सारे प्रकरण देखते हुए उद्धव ठाकरे को यह डर सता रहा है कि कहीं राजस्थान के बाद महाराष्ट्र में भी कोई सियासी बवंडर ना आ जाए। शरद पवार ने इस बात पर चिंता जताई थी कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल घटक दलों के बीच बातचीत नहीं हो पा रही है। सरकार ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में ही इस बात का जिक्र किया था। शरद पवार के इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने उनके साथ मीटिंग की है।
बताया जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के साथ-साथ महाराष्ट्र में सरकार के कार्यशैली को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत हुई है। ब्यूरोक्रेसी में अधिकारियों की तैनाती को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। इसके पहले शरद पवार ने 6 जुलाई को उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। चर्चा है कि आईपीएस अधिकारियों की तैनाती को लेकर एनसीपी और शिवसेना में कंफ्यूजन है। महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय एनसीपी के पास है ऐसे में मुंबई के अंदर पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग की जिम्मेदारी गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऊपर है लेकिन शिवसेना चाहती है कि अधिकारियों की पोस्टिंग के मामले में उसकी चले। इस बात को लेकर एनसीपी और शिवसेना के बीच मतभेद की खबरें आती रही हैं। शरद पवार के पहले अजीत पवार भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इन मुलाकातों के पीछे कहीं न कहीं महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत बनाए रखना असल मकसद है।