रामविलास पासवान की पत्नी का सनीसनीखेज बयान: अपने बड़े भाई को जिंदा रहते ब्लैकमेल कर रहे थे पशुपति पारस, मौत के बाद सिर्फ झूठ बोल रहे हैं

रामविलास पासवान की पत्नी का सनीसनीखेज बयान: अपने बड़े भाई को जिंदा रहते ब्लैकमेल कर रहे थे पशुपति पारस, मौत के बाद सिर्फ झूठ बोल रहे हैं

PATNA: स्व. रामविलास पासवान के उत्तराधिकार को लेकर चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस में छिड़ी जंग में पहली दफे रीना पासवान ने चुप्पी तोड़ी है. स्व. रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान ने पशुपति पारस को लेकर सनसनीखेज खुलासे किये हैं. रीना पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान के जिंदा रहते ही पशुपति पारस उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे. रामविलास पासवान अपने भाई के कारण घुट-घुट कर जी रहे थे. रीना पासवान ने कहा-जो आदमी अस्पताल में भर्ती अपने बडे भाई को एक दिन देखने तक नहीं गया, वह कह रहा है कि रामविलास जी मेरे लिए भगवान थे. पारस ने मुझसे कहा होता, मैं सब कुछ दे देती, लेकिन उन्होंने मेरी दुनिया उजाड़ दी. अब हर लाइन झूठ और सिर्फ झूठ बोल रहे हैं.


रामविलास पासवान को ब्लैकमेल कर रहे थे पारस

गौरतलब है कि स्व. रामविलास का उत्तराधिकारी बनने को लेकर चिराग पासवान औऱ पशुपति पारस में जंग छिड़ी है. इस बीच पहली दफे स्व. रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान ने चुप्पी तोड़ी. उन्होंने रामविलास पासवान और पशुपति पारस के संबंधों को लेकर सनसनीखेज खुलासे किये. रीना पासवान ने कहा कि 44 साल पहले वे पासवान फैमिली में आयी थीं. उसके बाद सारे बाकी सारे रिश्ते तोड़ दिये थे. मेरी पूरी दुनिया तो रामविलास जी, पारस और रामचंद्र के साथ साथ उनके परिवार तक सिमट गयी थी. पारस ने मेरी दुनिया उजाड़ दी.


रीना पासवान ने कहा कि उन्होंने अपनी इस दुनिया को बचाने के लिए क्या-क्या न सहा. रीना पासवान ने कहा “2020 में साहब (रामविलास पासवान) की मौत से पहले मैंने देखा था उन्हें घुट-घुट कर जीते हुए. पशुपति पारस अक्सर घर पर आकर उनके सामने ऐसी बातें करते थे जिससे कई दिनों तक वे तनाव में रहते थे. मंत्रालय में काम कराने के लिए तो कभी पार्टी चलाने के लिए. एक तरह से पारस अपने बडे भाई को ब्लैकमेल कर रहे थे. साहब अपने भाई की ब्लैकमेलिंग से भारी तनाव में रहते थे. उस दौर में भी मैं साहब को समझाती थी कि परिवार को साथ रखना है. पारस को साथ लेकर चलना है.”


अपने भगवान को देखने हॉस्पीटल तक नहीं गये

रीना पासवान ने कहा कि मैं देख रही हूं उन्हें तीन चार महीने से सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलते हुए. पारस ने एक बात भी सच नहीं बोला. वे कह रहे हैं कि रामविलास जी उनके भगवान थे. कैसे भगवान थे वे कि जब रामविलास जी हॉस्पीटल में काफी दिनों तक मौत से जूझने के बाद हार गये तो पारस एक दिन हॉस्पीटल में उन्हें देखने तक नहीं आय़े. पारस का झूठ मैंने बहुत बर्दाश्त किया लेकिन अब बर्दाश्त नहीं होता. 


फोन नहीं उठाया, चिट्ठी वापस कर दी

रीना पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान की 13वीं के बाद पारस ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी तक ने उनसे बात नहीं की. जब पारस ने रात के अंधेरे में पार्टी का नेता बनने का दावा किया तो मैंने उन्हें कई दफे कॉल किया. पारस ने फोन नहीं उठाया. मैं खुद उनके घर गयी लेकिन वे मिलने को तैयार नहीं हुए. उनके बच्चों तक ने फोन उठाना बंद कर दिया. मैं अब्दुल खालिक साहब को उनके घर भेजती थी कि एक बार पारस जी बात कर लें. पारस जी नहीं माने. इसके बाद मैंने हारकर तीन पन्ने की एक चिट्ठी उन्हें लिखी. चिट्ठी में लिखा कि वे जो कहेंगे मैं वह सब मानने को तैयार हूं. लेकिन पारस जी ने उस चिट्ठी को पढने की बात तो दूर रिसीव तक नहीं किया. उसे वापस लौटा दिया. 


मुझसे जो कहते मैं वह मानने को तैयार थी

रीना पासवान ने कहा कि पारस हों या रामचंद्र पासवान के परिवार के लोग. वे बतायें कि पिछले 44 सालों में मैंने उनके लिए क्या नहीं किया. उनके किस दुख, गम औऱ खुशी में उनके साथ नहीं खडी रही. क्या कभी ऐसा मौका आया जब मैंने उनका साथ नहीं दिया. रामविलास जी जितना उनके लिए करना चाहते थे मैं उससे दोगुना ज्यादा करती थी. मैंने दर्जनों दफे संदेश भिजवाया कि एक बार पारस जी बात कर लें, जो वह चाहेंगे मैं वही करूंगा. वे अध्यक्ष पद चाहेंगे तो वही अध्यक्ष रहेंगे. वे मंत्री बनना चाहेंगे तो वही मंत्री बनेंगे. वे चिराग को पार्टी का एक कार्यकर्ता बनाकर रखेंगे तो हम उसके लिए भी तैयार है. लेकिन पारस ने एक दफे बात तक नहीं की. वे एक बार बोल कर तो देखते हम सब करने को तैयार थे.


पारस का झूठ बर्दाश्त नहीं होता

रीना पासवान ने कहा कि आज भी वे इसलिए बोल रही हैं क्योंकि पारस का झूठ बर्दाश्त नहीं हो रहा है. पारस कह रहे हैं कि रामविलास जी होते तो लोजपा विधानसभा चुनाव  में नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ती. ये सरासर झूठ है. रामविलास जी ने तय किया था कि नीतीश कुमार के साथ नहीं जाना है. जब रामविलास जी हॉस्पीटल में वेंटीलेटर पर एडमिट थे तो नीतीश कुमार पटना से उन पर कटाक्ष कर रहे थे. नीतीश कह रहे थे कि जाकर पूछिये रामविलास जी से कि उनको राज्यसभा सांसद किसने बनवा दिया. आज नीतीश कुमार से पारस मिल गये हैं औऱ साहब(रामविलास पासवान) को झूठा बना रहे हैं.