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1st Bihar Published by: Updated Sat, 21 Aug 2021 01:49:01 PM IST
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PATNA : पटना जिला परिषद की निर्वतमान अध्यक्ष अंजू देवी ने केंद्रीय मंत्री RCP सिंह के दामाद औऱ आईएएस अधिकारी सुहर्ष भगत पर बेहद गंभीर आऱोप लगाकर सनसनी फैला दी है. अंजू देवी ने आऱोप लगाया है कि पटना के डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी रहते सुहर्ष भगत ने सवा सात करोड रूपये का गबन कर लिया. अंजू देवी कह रही है कि वे पिछले दो सालों से सुहर्ष भगत के कारनामे की जानकारी मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री औऱ तमाम आलाधिकारियों को दी है. लेकिन सरकार ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की रिपोर्ट पर जिला परिषद की अध्यक्ष को बर्खास्त करने का एलान कर दिया है.
अंजू देवी का सनसनीखेज आऱोप
हम आपको बता दें कि पटना जिला परिषद में अध्यक्ष और डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के बीच घमासान मचने के बाद सरकार ने एलान कि.है कि जिप अध्यक्ष अंजू देवी को बर्खास्त कर दिया गया .है. हालांकि इसकी कोई अधिसूचना अब तक अध्यक्ष को नहीं मिली है लिहाजा वे अध्यक्ष की कुर्सी पर ही बैठी पायी गयीं. फर्स्ट बिहार से बात करते हुए अंजू देवी ने कहा कि उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से ये खबर मिली है कि सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है. लेकिन कोई चिट्ठी नहीं मिली है.
आऱसीपी सिंह के दामाद ने सवा 7 करोड का घोटाला किया
अंजू देवी ने कहा कि उन्हें आरसीपी सिंह के दामाद औऱ आईएएस अधिकारी सुहर्ष भगत के काले कारनामों का विरोध करने की सजा मिली है. दरअसल सुहर्ष भगत पिछले साल तक पटना के डीडीसी औऱ जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी थे. अंजू देवी ने कहा कि पिछले साल 4 फरवरी को सुहर्ष भगत ने जिला परिषद अध्यक्ष की बगैर मंजूरी के जिला परिषद की बैठक बुला ली. उसी बैठक में फर्जी तरीके से योजनाओं को पास करा कर सवा सात करोड़ रूपये का गबन कर लिया गया.
सारी गुहार बेअसर साबित हुई
अंजू देवी ने कहा कि उन्होंने सुहर्ष भगत के कारनामों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. पंचायती राज मंत्री को भी बिंदुवार ज्ञापन दिया. तमाम आलाधिकारियों को पत्र लिखा. लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. हां उसके बाद उन्हें निशाने पर ले लिया गया. पूरा सरकारी तंत्र उनके खिलाफ हो गया औऱ जिला परिषद को चलाने में बाधा डाले जाने लगा. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह को दूसरा सरकार कहा जाता है. उनके दामाद के खिलाफ खडे होने का खामियाजा उन्हें भुगतना पडा.
अंजू देवी ने कहा कि उन्हें अखबार के माध्यम से ये जानकारी मिली है कि सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें बर्खास्त किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद के मातहत काम करता है. ये इतिहास का अजूबा वाकया है कि उसकी रिपोर्ट पर अध्यक्ष को ही बर्खास्त कर दिया गया.
क्या है मामला
गौरतलब है कि दो दिन पहले राज्य के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी थी कि पटना जिला परिषद की अध्यक्ष अंजू देवी को बर्खास्त कर दिया गया है. जिला परिषद की अध्यक्ष पर आरोप लगाया गया था कि वह 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत 17 करोड 20 लाख की योजनाओं के चयन करने के लिए बैठक नहीं कर रही थीं. उन्होंने कई अहम फाइल अपने पास रोक रखी थी. बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा था जिसका जवाब 16 अगस्त को जिप अध्यक्ष अंजू देवी ने भेज दिया था. 17 अगस्त को जिला परिषद की बैठक भी हुई, इसमे हंगामा हुआ औऱ मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कार्यवाही को मानने से इंकार कर दिया था. इससे नाराज अंजू देवी धरने पर बैठ गयी थीं. वे लगातार धरने पर बैठी थीं तभी सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने की जानकारी दी.