PM Kisan 21st Installment: इस दिन जारी हो सकती है पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त, आ गई संभावित डेट PM Kisan 21st Installment: इस दिन जारी हो सकती है पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त, आ गई संभावित डेट Patna Crime News: पटना में पूर्व मुखिया के घर छापेमारी से हड़कंप, भारी मात्रा में हथियार बरामद; बड़े नेता का है करीबी Patna Crime News: पटना में पूर्व मुखिया के घर छापेमारी से हड़कंप, भारी मात्रा में हथियार बरामद; बड़े नेता का है करीबी Bihar Politics: जन सुराज पार्टी की पहली लिस्ट जारी होते ही हंगामा, टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं ने किया प्रदर्शन Bihar Politics: जन सुराज पार्टी की पहली लिस्ट जारी होते ही हंगामा, टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं ने किया प्रदर्शन IPPB : ग्रामीण डाक सेवक में इतने पदों पर ऑनलाइन आवेदन शुरू, जानें पूरी प्रक्रिया Bihar Politics: “NDA में ऑल इज वेल: आखिरकार चिराग ने भाजपा की शर्त स्वीकार की; सामने आई थम्बअप वाली फोटो” बिहार में ‘शोले स्टाइल’ ड्रामा: पिता की डांट से नाराज बेटी 70 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ी, मचा हड़कंप बिहार में ‘शोले स्टाइल’ ड्रामा: पिता की डांट से नाराज बेटी 70 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ी, मचा हड़कंप
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Dec 2024 08:07:01 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के मानदंडों का पालन नहीं करने वाले बिहार(bihar) के 4915 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द(derecognition) की जाएगी। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।
दरअसल, आरटीई अधिनियम लागू होने के समय इन सभी स्कूलों को यू-डायस प्लस पोर्टल पर पंजीकृत होने की अनुमति दी गई थी। साथ ही, उन्हें तीन साल के भीतर अधिनियम के सभी मानदंडों को पूरा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, अधिकांश स्कूलों ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया।
यू-डायस प्लस 2023-24 की रिपोर्ट के आधार पर इन स्कूलों की पहचान की गई। मंत्रालय ने राज्य शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह इन स्कूलों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे और उनके यू-डायस कोड रद्द करे। विभाग को 31 मार्च, 2025 तक इस संबंध में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
यह कार्रवाई सुनिश्चित करेगी कि सभी बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, यह उन स्कूलों को एक संदेश देगा जो आरटीई अधिनियम का पालन नहीं करते हैं।