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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Tue, 25 Apr 2023 01:13:04 PM IST
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PATNA: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट चूके पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उनकी रिहाई को लेकर हो रही सियासत पर बेबाकी से अपनी राय रखी। आनंद मोहन ने रिहाई को लेकर मायावती द्वारा जताई जा रही आपत्ति पर कहा कि जेल में रहने के दौरान वे सबकुछ भुला चुके हैं और वे किसी मायावती को नहीं जानते हैं। इस दौरान उन्होंने उनके ऊपर राजनीति करने वाले लोगों पर जमकर बरसे।
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि बेटी और दामाद की सगाई से ही शुभ संकेत मिलने शुरू हो गए थे और बेटा-बहू की सगाई होते-होते रिहाई हो गई। लाखों समर्थ वर्षों से संघर्ष करते रहे उन्हें रिहाई का सारा क्रेडिट जाता है। लवली आनंद और बेटे कार्यकर्ताओं को सजग करते रहे और कार्यकर्ताओं को समेट कर रखने का काम किया। समर्थकों और अपने चाहने वाले लोगों के कारण आज भी सबकी जेहन में बने हुए हैं।
रिहाई को लेकर यूपी की पूर्व सीएम मायावती की आपत्ति पर आनंद मोहन ने चैलेंज किया कि कोई भी एक ऐसी घटना ढूंढकर सामने ला दे जिसमें आनंद मोहन ने कोई दलित विरोधी कदम उठाया हो। उन्होंने कहा कि हममें मजदूरों की लड़ाई से अपना संघर्ष शुरू किया। मायावती कौन हैं, कहां की हैं और कैसी हैं उनके बारे में नहीं जानता हूं। जेल में रहने के दौरान सबकुछ भुला चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई उसमें दोनों ही परिवारों को परेशानी झेलनी पड़ी है। पूरे मामले में सिर्फ और सिर्फ लवली आनंद और जी. कृष्णैया की पत्नी ने परेशानी झेली, बाकी लोगों ने झाल बजाने का काम किया। राजनीतिक घटनाक्रमों के मुताबिक लोग अपनी अपनी परिभाषा गढ़ते रहे। उन्होंने कहा कि बर भौंकने वाले को जवाब देना आनंद मोहन की फितरत में नहीं है।
वहीं रिहाई के खिलाफ आईएएस लॉबी के एकजुट होने पर आनंद मोहन ने कहा कि घटना की सच्चाई को सभी राजनेता और बिहार के अधिकारी अच्छी तरह से जानते हैं। आनंद मोहन ने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाया और कहा कि किसने क्या किया यह वही जाने, हमने नीयती के खिलाफ खुद को छोड़ दिया था और पूरे धैर्य के साथ उम्रकैद की सजा काट ली। वहीं सक्रिय राजनीति में आने के सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि फिलहाल इसपर कोई निर्णय नहीं लिया है, आने वाले समय में जैसी परिस्थियां बनेंगी, उस हिसाब से काम किया जाएगा। आनंद मोहन ने कहा कि जिन लोगों ने भी इस मामले में राजनीति की उन्हें जी.कृष्णैया की पत्नी से जाकर मिलना चाहिए था लेकिन किसी ने भी इसकी जहमत नहीं उठाई। जब उन्हें मदद की जरूरत थी तो क्यों नहीं गए और आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।