PATNA : ये वाकई दिलचस्प सियासत है. जिसके कारण राजद औऱ लालू फैमिली में महाभारत छिड़ गया वह खुद मैदान छोड़ कर भागा और दुश्मनों के खेमे में जा मिला. लालू-राबडी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के सबसे खास ने विपक्षी कैंप का दामन थाम लिया है. वैसे तेजप्रताप दिल्ली-वृदांवन की सैर कर रहे है और बिहार में जिसे उनका साया माना जाता था वह ही भाग खड़ा हुआ है.
आकाश यादव लोजपा (पारस) में शामिल हुए
पटना में तेजप्रताप यादव के सबसे खास माने जाने वाले आकाश यादव ने आज लोकजनशक्ति पार्टी (पारस) गुट का दामन थाम लिया. पारस औऱ उनके भतीजे प्रिंस राज ने आकाश यादव को गले लगाया और अपनी पार्टी की छात्र इकाई का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का एलान कर दिया. आकाश यादव ने कहा कि उन्होंने 8 साल से राजद के लिए काम किया लेकिन राजद ने उनकी कद्र नहीं की. इसलिए वे लोजपा में आ गये हैं.
आकाश यादव के कारण छिड़ा है राजद में महाभारत
अब हम आपको विस्तार से आकाश यादव के बारे में बताते हैं. आकाश यादव पटना में तेजप्रताप यादव के सबसे करीबी व्यक्ति माने जाते हैं. तेजप्रताप यादव ने उन्हें छात्र राजद का प्रदेश अध्यक्ष बना रखा था. ये वही नेता हैं जिन्होंने इसी महीने की शुरूआत में राजद के प्रदेश कार्यालय में छात्र राजद का सम्मेलन कराया था. उसका बडा होर्डिंग राजद दफ्तर के सामने लगाया गया था. उसमें तेजस्वी यादव की ही तस्वीर नहीं लगायी गयी थी. छात्र राजद के उसी सम्मेलन में तेजप्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को खुले मंच से जलील किया था.
जगदानंद उस वाकये के बाद रूठे तो उन्हें मनाने के लिए आकाश यादव को छात्र राजद के अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला हुआ. जगदानंद ने आकाश यादव को स्वयंभू अध्यक्ष करार देते हुए कहा कि उन्होंने तो इस पद पर किसी को नियुक्त ही नहीं किया था. जगदानंद सिंह ने छात्र राजद के अध्यक्ष पद पर गगन कुमार की नियुक्ति कर दी थी.
आकाश यादव को लेकर ही तेजप्रताप यादव ने आखिरी जंग छेड दी थी. उन्होंने जगदानंद सिंह के खिलाफ ताबड़तोड़ बयानबाजी की. फिर तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव पर जी जान से भिड़ गये. तेजप्रताप ने ऐसे ऐसे आरोप लगाये जो विपक्षी पार्टियां भी नहीं लगाती. अपनी ही पार्टी के खिलाफ जंग का एलान करने के बाद तेजप्रताप दिल्ली-वृंदावन निकल लिये. इधर उनके साये ने भी साथ छोड़ दिया.
तेजप्रताप का आखिरी सहारा भी खत्म
वैसे आकाश यादव का तेजप्रताप यादव का साथ छोड़ कर लोजपा में जाना एक औऱ जानकारी दे गया. इससे साफ हो गया कि तेजप्रताप का आखिरी सहारा भी खत्म हो गया है. पटना में आकाश यादव के सहारे ही उनके आगे पीछे घूमने वाले युवाओं को जुटाया जाता था. आकाश यादव को तेजप्रताप यादव का साया माना जाता था. लेकिन अब कमोबेश सब को ये अहसास हो गया है कि तेजप्रताप का राजद में कोई दखल नहीं रह गया है. लिहाजा साये ने भी साथ छोड़ दिया है.