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1st Bihar Published by: Updated Sun, 16 Aug 2020 09:25:28 PM IST
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PATNA : विधानसभा चुनाव के पहले पाला बदलने के फिराक में बैठे अपने तीन में विधायकों को आरजेडी ने चलता कर दिया। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आदेश पर प्रेमा चौधरी, महेश्वर प्रसाद यादव और फराज फातमी को 6 साल के लिए आरजेडी से निलंबित कर दिया गया लेकिन लगातार आरजेडी और लालू यादव के कुनबे के खिलाफ जहर उगलने के बावजूद चंद्रिका राय पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर लालू यादव ने अपने संध्या यादव के खिलाफ कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया।
रिश्तो में खटास आने के बाद चंद्रिका राय लगातार लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ बयान दे रहे हैं। पार्टी की बैठकों और अन्य गतिविधियों से चंद्रिका राय ने खुद को काफी पहले अलग कर लिया था। चंद्रिका राय इस बात का स्पष्ट संकेत दे चुके हैं कि वह विधानसभा का अगला चुनाव जेडीयू के साथ लड़ेंगे। नीतीश कुमार की शान में चंद्रिका राय कसीदे पढ़ चुके हैं लेकिन बावजूद इसके आरजेडी ने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। आरजेडी के खिलाफ की गई बयानबाजी में यह तीनों चंद्रिका राय से कमतर थे। महेश्वर यादव को छोड़कर बाकी दोनों विधायक आरजेडी नेतृत्व के खिलाफ ज्यादा आक्रामक भी नहीं थे। बावजूद इसके महेश्वर यादव के साथ-साथ प्रेमा चौधरी और फराज फातमी को बिना वक्त गवाएं पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
तीन विधायकों पर कड़ा रुख अख्तियार करने के बावजूद चंद्रिका राय पर लालू यादव ने कोई एक्शन नहीं लिया। चंद्रिका राय लालू यादव के समधी हैं और लालू फिलहाल नहीं चाहते कि चंद्रिका को पार्टी से बाहर कर वह उन्हें सहानुभूति का मौका दें। चंद्रिका के खिलाफ तेजस्वी यादव ने लालू यादव के निर्देश पर पूरा प्लान तैयार कर रखा है लेकिन किसी भी हालत में उनके खिलाफ कोई एक्शन लेकर लालू चंद्रिका को सहित नहीं करना चाहते। अगर आरजेडी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो चंद्रिका ना केवल परसा विधानसभा बल्कि सारण और आसपास के जिलों में लालू यादव के खिलाफ माहौल बना सकते हैं। चंद्रिका यादव पूर्व मुख्यमंत्री स्व दारोगा प्रसाद राय के बेटे हैं इस लिहाज से सारण के इलाके में उनके परिवार कि अपनी पकड़ है। बात रिश्तेदारी की है लिहाजा चंद्रिका पर अगर कार्रवाई हुई तो लालू यादव या राष्ट्रीय जनता दल को यादव वोटरों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। फिलहाल विधानसभा चुनाव के पहले लालू ऐसा कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहते। उन्हें भी मालूम है कि चंद्रिका राय देर सवेर आरजेडी को अलविदा कहेंगे लिहाजा अब गेंद उन्हीं के पाले में डाल दी गई है।