ब्रेकिंग न्यूज़

पिपरा सीट से जदयू विधायक रामविलास कामत ने दाखिल किया नामांकन, कहा..एनडीए गठबंधन पूरी तरह मजबूत दूसरे दिन का पहला नामांकन: कटिहार सदर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अशोक कुमार भगत ने किया नॉमिनेशन कटिहार में सोशल मीडिया पर हथियार लहराना पड़ गया महंगा, पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार कटिहार में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो कट्टा और भारी मात्रा में हथियार बनाने का सामान बरामद Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों को लेकर जारी घमासान के बीच भाकपा माले ने जारी की पहली लिस्ट, सूची में 18 उम्मीदवारों के नाम Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों को लेकर जारी घमासान के बीच भाकपा माले ने जारी की पहली लिस्ट, सूची में 18 उम्मीदवारों के नाम Purnea News: इंटैक राज्य स्तरीय नेशनल हेरिटेज क्विज़ में पूर्णिया चैप्टर एवं विद्या विहार के विद्यार्थियों ने रचा इतिहास, प्राप्त किया पहला स्थान Purnea News: इंटैक राज्य स्तरीय नेशनल हेरिटेज क्विज़ में पूर्णिया चैप्टर एवं विद्या विहार के विद्यार्थियों ने रचा इतिहास, प्राप्त किया पहला स्थान पूर्णिया में लूट की कोशिश नाकाम, व्यवसायी और ट्रैक्टर चालक पर ताबड़तोड़ फायरिंग Bihar Election 2025: बीजेपी की पहली लिस्ट में महिलाओं की कितनी भागीदारी? जानिए.. किन महिला उम्मीदवारों को मिला मौका

संविधान तक पहुंचा के के पाठक और BPSC का विवाद, आयोग ने पत्र नहीं लिखने की दी सख्त हिदायत

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 09 Sep 2023 07:47:53 AM IST

 संविधान तक पहुंचा के के पाठक और BPSC का विवाद, आयोग ने पत्र नहीं लिखने की दी सख्त हिदायत

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में जब से शिक्षा विभाग की कामन के के पाठक संभाले हैं तब से आए दिन वह किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बने ही रहते हैं। कभी वह राजनेताओं के नजरों पर रहते हैं तो कभी अपने सहकर्मियों के नजरों में खटकते हुए नजर आते हैं। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला शिक्षा विभाग और बिहार लोक सेवा आयोग से जुड़ा हुआ है। इन दोनों में शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन को लेकर ठन गई है।


दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सख्त पत्र लिखकर भविष्य में चिट्ठी ना लिखने की हिदायत दे डाली है। इससे पहले शिक्षकों को प्रमाण पत्र सत्यापन के कार्य में लगाने पर के के पाठक ने आपत्ति जताते हुए सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। इसके बाद अब इस मामले में बीपीएससी की ओर से पत्र लिखकर पलटवार किया गया है। हालांकि, इससे पहले लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया पर बिना के के पाठक का नाम लिए उन पर निशाना साधा था। इसके बाद अब आयोग के सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर भविष्य में किसी भी तरह के चिट्ठी ना लिखने की हिदायत दे डाली है।


बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव सभी भूषण ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र लिखा है। इस लेटर के माध्यम से उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को हिदायत दे दी है कि,अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन आयोग की आंतरिक प्रक्रिया है। आयोग शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन नहीं है। अगर यह स्पष्ट ना हो तो संविधान के प्रावधानों का अध्ययन कर लिया जाए। रवि भूषण ने शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक को  दो टूक हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह के पत्राचार की धृष्टता न की जाए। 


मालूम हो कि, इससे पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बीपीएससी को एक आधिकारिक पत्र लिख कर दस्तावेज सत्यापन में लगे अफसरों को कार्य मुक्त कर विभाग को वापस करने के लिए कहा था। पत्र में इसकी तमाम वजह भी बतायी गई थीं। जिसके बाद इस पत्र पर सख्त आपत्ति व्यक्त करते हुए बीपीएससी के सचिव ने यह चिट्ठी माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लिखी है। 


इधर, बीपीएससी सचिव रविभूषण ने दो टूक लिखा कि पता होना चाहिए कि आयोग की आंतरिक प्रक्रिया के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाना या इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप करना और इस प्रकार से आयोग पर दबाव डालने का प्रयास करना असंवैधानिक, अनुचित और अस्वीकार्य है। सचिव ने लिखा है कि आश्चर्य है कि शिक्षा विभाग को इन सब प्रावधानों का पता होने के बाद भी बिना प्रमाण पत्रों के सत्यापन के ही आयोग से अनुशंसा की अपेक्षा की जा रही है।