ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: ‘बिहार में तीन-चौथाई सीटें जीतेगी NDA और बनाएगी सरकार’ राजनाथ सिंह का बड़ा दावा Bihar Election 2025: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए किया रोड शो, आरजेडी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत होने से बचा Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar Assembly Elections : बिहार चुनाव को लेकर बॉर्डर हुआ सील, बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक Bihar Election 2025: वोटिंग करने से पहले जरुर जान लें यह बातें, पोलिंग बूथ पर जाकर नहीं होगी कोई परेशानी Bihar Special Trains: यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिहार से चलेंगी इतनी स्पेशल ट्रेनें, जानें क्या है टाइमिंग और रुट?

संसद में बहस के बगैर कानून बनने पर CJI ने जतायी चिंता, बोले.. कानून के पीछे की मंशा साफ नहीं हो पाती

1st Bihar Published by: Updated Sun, 15 Aug 2021 06:49:25 PM IST

संसद में बहस के बगैर कानून बनने पर CJI ने जतायी चिंता, बोले.. कानून के पीछे की मंशा साफ नहीं हो पाती

- फ़ोटो

DELHI : संसद में लगातार हो रहे हंगामे और हंगामे के बीच पास किए जा रहे कानूनों को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने चिंता जताई है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने कहा है कि संसद में गुणवत्तापूर्ण बहुत की कमी है ऐसे में जो कानून पास होते हैं उनके पीछे की मंशा का पता लगाना मुश्किल होता है। संसद की वर्तमान स्थिति को उन्होंने खेदजनक कहा है। दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद सीजेआई ने यह बातें कहीं हैं। 


सीजेआई एनवी रमना ने कहा है कि संसद में कानून पास करते वक्त उचित बहस की कमी दिखती है। कानूनों पर बहस ना होने की वजह से कोर्ट तक आने वाले मामले बढ़ते हैं। बिना बहस के किसी भी नए कानून की थाह नहीं ली जा सकती। इसका इरादा क्या है और कानून की विषयवस्तु का पता नहीं चल पाता है। 


चीफ जस्टिस ने कहा है कि पहले अलग-अलग कानूनों पर चर्चा होती थी। जिससे उनके बारे में जानकारी भी व्यापक मिलती थी। इस वजह से कोर्ट के लिए भी कानूनों को लागू करवाना आएंगे समझना आसान हो जाता था। चीफ जस्टिस ने कहा कि आजादी के बाद शुरुआती सालों में संसद में मौजूद सांसदों और स्वतंत्रता सेनानियों में से ज्यादातर वकील होते थे। इस वजह से भी संसद में अच्छी बहस होती थी। चीफ जस्टिस ने कहा कि उनका मानना है कि वकील बिरादरी को अब इसके लिए आगे आना चाहिए।