धरती के भगवान की करतूत: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा मौत, गुस्साए परिजनों ने नर्सिंग होम में किया हंगामा, डॉक्टर पर गंभीर आरोप मधुबनी में ट्रैक्टर से 301 KG गांजा बरामद, 75 लाख की खेप के साथ युवक गिरफ्तार जदयू प्रदेश सचिव साकेत कुमार सिंह ने राज्यपाल से की मुलाकात, अरेराज के महंत शिव शंकर गिरी महाविद्यालय में बी.एड और पीजी की पढ़ाई शुरू कराने की मांग Purnea Jail Raid: पूर्णिया के सेट्रल जेल में छापेमारी से हड़कंप, कैदियों के बीच मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार के इन जिलों में दूर होगी पेयजल की किल्लत, सरकार समाधान में जुटी Road Accident: सड़क हादसे में व्यापारी की मौत, आरोपी ड्राइवर फरार Bihar News: संपत्ति के चक्कर में भतीजे ने चाची को चाक़ू से गोदा, हालत गंभीर Bihar News: जैसलमेर में शहीद हुए बिहार के जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई Chandan Mishra Murder Case: पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या के वक्त कमरे में 2 अन्य साथी थे, एक को लगी थी गोली...दूसरा बाथरूम में बंद हो गया था Bihar Crime News: बिहार में अब चर्चित डॉक्टर को अपाचे सवार बदमाशों ने जबड़े में मारी गोली, हालत गंभीर
1st Bihar Published by: Updated Sun, 03 Apr 2022 10:08:11 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार शराबबंदी संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित हो गया है. इसके बाद इस कानून को अमली जामा पहनाने के लिए जिलों में अधिकारी तैनात किये जा रहे हैं. सरकार ने 390 अधिकारियों को शराबबंदी कानून के तहत जमानत, जुर्माना और सजा देने के लिए विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी नियुक्त किया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. जिले और अनुमंडल की आबादी के हिसाब से विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी की संख्या तय हुई है. ये नियुक्ति की तिथि से दो साल या दूसरे वहां से तबादला होने तक इस पद पर काम करते रहेंगे.
बता दें कि इसी बजट सत्र में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 की मंजूरी मिली है. उसी संशोधन कानून के तहत शराब मामलों का ट्रायल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को करना है. पूर्व में ही संबंधित जिलों में तैनात उन अफसरों को पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के तहत न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी की शक्ति दी गई है. ये अफसर बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 की धारा-37 के तहत शराब का उपभोग करने पर जुर्माना देकर छोड़ने या फिर जेल भेजने पर विचार करेंगे.
इस विधेयक के अनुसार शराब पीते या शराब के नशे में पकड़े गए व्यक्ति को जुर्माना का भुगतान करने पर छोड़ा जा सकता है. पर जुर्माना नहीं चुकाने की सूरत में एक माह के साधारण कारावास की सजा होगी. शराब पीने के आरोप में पकड़े गए शख्स को नजदीक के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. यदि व्यक्ति जुर्माने की राशि जमा करवा देता है तो उसे छोड़ दिया जाएगा लेकिन यह उसका अधिकार नहीं होगा.