भारत का पाकिस्तान के लाहौर पर बड़ा हमला...पाकिस्तानी एयर डिफेंस हुआ तबाह भारत ने पाकिस्तान के तीन फाइटर जेट गिराये, दो JF-17 और एक F-16... पाकिस्तान एयरफोर्स का AWACS विमान भी ध्वस्त मुंडेश्वरी कॉलेज फॉर टीचर एजुकेशन में सेमिनार, डॉ. मोहम्मद शरीफ ने दी विस्तृत जानकारी समस्तीपुर में बोले मुकेश सहनी..बिहार पुलिस जनता की रक्षक नहीं भक्षक बन चुकी है नीतीश के गांव कल्याण बिगहा से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत, 11 मई से जन सुराज पार्टी चलाएगा यह मुहिम BIHAR: जमुई में पाकिस्तानी समर्थक गिरफ्तार, इंस्टाग्राम पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखना पड़ गया महंगा पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब: कर्नल सोफिया बोलीं..PAK ने हमले की कोशिश की तब हमने लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ाया हैदराबाद में कराची बेकरी के नाम पर विवाद: शॉप का नाम बदलने की मांग, मालिक ने कहा..हम भारतीय ब्रांड हैं, पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं Bihar News: बिहार के इस कस्बे को मिला शहर का दर्जा, बना नया नगर पंचायत; अब मिलेगी शहरी सुविधाएं PATNA: पटना पहुंचे बीजेपी बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, दिलीप जायसवाल ने किया स्वागत
1st Bihar Published by: Updated Fri, 25 Feb 2022 12:04:45 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून के कारण बढ़ते मुकदमों को लेकर आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी कानून के चलते बिहार में बढ़े मुकदमों की संख्या को लेकर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू करने के पहले राज्य सरकार में कोई अध्ययन किया या इसके लिए किस तरह की तैयारी की इस बाबत पूरी जानकारी कोर्ट को मुहैया कराए.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 8 मार्च को एक बार फिर सुनवाई करेगा. इसके पहले बिहार सरकार को कोर्ट में जवाब देकर यह बताना होगा कि राज्य में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद जो मुकदमे पड़े उसके लिए फौरी तौर पर कितनी तैयारी की गई थी. शराब बंदी कानून के उल्लंघन के एक आरोपी सुधीर कुमार यादव उर्फ सुधीर सिंह की तरफ से याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेष की बेंच ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस बात को लेकर चिंता जता चुका है कि बिहार में शराबबंदी जैसे कानून के कारण मुकदमों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. खुद सीजेआई यह बात कह चुके हैं कि ऐसे कानूनों से न्यायपालिका के ऊपर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है. पटना हाई कोर्ट के 16 जजों को इस कानून से जुड़े जमानत के मामले सुनने पड़ रहे हैं. अगर इसमें से किसी मामले में जमानत से इनकार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में जेलों के अंदर भी भीड़ बढ़ेगी. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि बिहार सरकार ने इस कानून को लागू करने के पहले किस तरह का अध्ययन किया. इसके लिए बिहार में कोई न्यायिक ढांचा तैयार किया गया.
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कर रहा है, उससे सरकार की परेशानी बढ़ सकती है. एक तरफ न्यायपालिका शराब बंदी कानून से बड़े मुकदमे के बोझ को लेकर परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार शराब बंदी कानून से पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में मौजूदा संकट का हल कैसे निकलेगा यह देखना भी दिलचस्प होगा. 8 मार्च के पहले सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दिया जाता है और अगली सुनवाई में क्या कुछ निकल कर आता है इस पर सबकी नजरें टिकी होंगी.