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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Thu, 26 Oct 2023 01:07:07 PM IST
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PATNA: बिहार में हुई शिक्षकों की बहाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल शिक्षक नियुक्ति में भारी गड़बड़ी की बात कहकर इसकी जांच कराने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच बीजेपी ने शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी की मुख्य वजह को बता दिया है। बीजेपी ने कहा है कि शिक्षा विभाग और बीपीएससी के बीच हुए विवाद का असर शिक्षक बहाली में देखने को मिल रही है।
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा है कि शिक्षक नियुक्ति के इस पूरे प्रकरण को अगर ठीक ढंग से देखा जाए तो शुरुआत से ही शिक्षा विभाग के एससीएस केके पाठक और बीपीएससी के चेयरमैन अतुल प्रसाद के बीच ठन गई थी। दोनों अधिकारियों के बीच बात काफी बिगड़ गई थी और सरकार मूक दर्शक बनकर देख रही थी। सरकार ने नियम कानून को ताक पर रखकर बेचैनी में इस वैकेंसी को निकाला लेकिन बीपीएससी इस तरह की परीक्षा को लेने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं था। जिस दबाव में बीपीएससी से काम लिया गया तो ऐसे में गड़बड़ी तो होनी ही थी।
उन्होंने कहा कि जिस शिक्षक भर्ती परीक्षा में सिर्फ बिहार के बच्चों को भाग लेना था, वहां उत्तर प्रदेश और झारखंड के बच्चे आकर नौकरी कर रहे हैं। बाहरी राज्य के छात्र जो इस परीक्षा के लिए पात्र ही नहीं थे वे फॉर्म भी भर दिया और परीक्षा भी पास कर गए। यह बीपीएससी में एक बड़ा घोटाला है और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। कोर्ट को चाहिए कि वह स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले में सख्त एक्शन ले।
बीजेपी विधायक ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थी जो भी आरोप लगा रहे हैं वह पूरी तरह से सही है। सरकार ने बिना किसी तैयारी से परीक्षा आयोजित कर दी और तुरंत दिखाने के लिए रिजल्ट भी जारी कर दिया। अपनी वाहवाही लुटने के लिए बिहार की सरकार ने राज्य के होनहार युवाओं का गला घोंटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि BPSC के अधिकारी नहीं चाहते हैं कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर रहें। BJP से सरकारी अधिकारियों की लगातार बात होती है और वे कहते हैं कि कुछ दिन इंतजार कीजिये, अपना समय आएगा।