सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें... Bihar Crime News: बिहार में पंचायत के दौरान खूनी खेल, गोली मारकर युवक की हत्या; गोलीबारी से दहला इलाका Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा? Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा?
1st Bihar Published by: Updated Mon, 21 Nov 2022 08:56:30 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में गिरती शिक्षा के स्तर को लेकर राज्य सरकार काफी सतर्क है। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने शिक्षा और बच्चों की उपस्तिथि को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब यदि राज्य के सरकारी विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 60 % से कम हुई तो टीचर पर कार्रवाई होगी। इसके लिए प्रिंसिपल भी दोषी माने जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पुराने प्रावधान को अधिक सख्त बना दिया है।
राज्य सरकार ने शिक्षा में सुधार को लेकर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी से किसी सूरत में कम नहीं होनी चाहिए। यदि मानिटरिंग के दिन स्कूलों में 60 फीसदी से कम बच्चे पाए गए तो प्राचार्य और शिक्षक इसके लिए जिम्मेवार माने जाएंगे। उन्हें अनुपस्थित छात्र और छात्राओं के अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना होगा। इसके साथ ही छात्र जल्द से जल्द स्कूल आ सके इसके लिए भी जागरूक करना होगा। टीचर को कम से कम स्कूल में कुल नमांकित बच्चों के 75 फीसदी को स्कूल होगा। हालांकि इसके लिए वे विद्यालय शिक्षा समिति या विद्यालय प्रबंधन समिति की सहायता ले सकेंगे।
इसके आलावा शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मानिटरिंग को और कड़ा करते हुए व्यापक दिशा - निर्देश भी दिया है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी तक के दायित्व तय किये गये हैं। उन्हें हर माह स्कूलों का निरीक्षण करने और उससे संबंधित रिपोर्ट तलब की है। इसमें स्कूलों की अवधि को लेकर भी की गयी है। देर से आने कड़ाई वाले और शिक्षकों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है।
इसके साथ ही यह कहा गया है कि स्कूल के निर्धारित समय पर नहीं खुलने या फिर निर्धारित समय से पहले बंद होने की पर प्राचार्य जिम्मेवार माने जाएंगे। इस स्थिति में संबंधित प्राचार्य के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब हो कि, सरकार के निर्देश के बाबजूद दस हजार से अधिक शिक्षक स्कूल में बीएलओ का कार्यकर रहा है। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही है।