उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूरा हुआ चार दिवसीय महापर्व छठ, जानिए क्या है पूजा और अर्घ्य विधि

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 20 Nov 2023 02:46:22 AM IST

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूरा हुआ चार दिवसीय महापर्व छठ, जानिए क्या है पूजा और अर्घ्य विधि

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PATNA : हिन्दू धर्म में छठ पूजा का चौथा दिन यानि 20 नवंबर 2023 बहुत महत्वपूर्ण है।। इस दिन को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूजा का समापन किया गया। उगते हुए सूर्य के अर्घ्य को ‘ऊषा अर्घ्य’ के नाम से भी जाना जाता है। 


इस दिन व्रती महिलाएं सुबह उगते हुए सूर्य को नदी के घाट पर जाकर अर्घ्य दिया। इसके साथ ही छठी मैईया और सूर्य भगवान की आराधना भी करेंगी और अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करेंगी।


मालुम हो कि, छठ पूजा के चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं कच्चे दूध और जल और प्रसाद खाकर अपने व्रत का पारण करेंगी।छठ पूजा पर नदी या तालाबों के किनारे कमर तक पानी में खड़े होकर ही सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।


इसके पीछे के कई कारण बताए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास के दौरान श्री हरि जल में ही निवास करते हैं और सूर्य ग्रहों के देवता माने गए हैं। इस के अनुसार नदी या तालाब में कमर तक पानी में खड़े होकर अर्घ्य देने से भगवान विष्णु और सूर्य दोनों की ही पूजा एक साथ हो जाती है।


आपको बताते चलें कि, छठ पूजा का व्रत खोलने से पहले पूजा में चढ़ाए प्रसाद जैसे कि छेकुआ, मिठाई आदि ग्रहण करें। आप अदरक और चाय पीकर भी व्रत का पारण कर सकते हैं। जिसके बाद व्रत पूरा माना जाता है।