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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 20 Nov 2024 10:17:42 AM IST
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MUZAFFARPUR : बिहार में इन दिनों शिक्षकों को लेकर काफी चर्चा की जा रही है। चाहे वह नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की बात हो या फिर ट्रांसफर-पोस्टिंग पर हाईकोर्ट से रोक का मामला हो। हर दिन शिक्षा विभाग कोई न कोई वजह से सुर्ख़ियों में बने ही रहते हैं। लेकिन, इस बीच अब खबर यह है कि शिक्षा विभाग में एक अजीबो-गरीब कारनामा हो गया। यहां रिटायर टीचर की हाजरी बनाया जा रहा है।
दरअसल, विभाग ने जिसे 2008 में सेवा मुक्त करने का आदेश दिया उसकी 16 साल से स्कूल में हाजरी बन रही है। अब इस मामले का खुलासा हुआ है। वह खुलासा भी उस समय हुआ जब मामला वेतन को लेकर कोर्ट पंहुचा और बताया गया कि इनकी सेवा ही खत्म कर दी गई थी। अब इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग में शोर-गुल बढ़ गई है। हर कोई इस मामले को लेकर दंग है कि आखिर यह हुआ कैसे?
सबसे कमाल की बात यह है कि जिस शिक्षक की सेवा को विभाग में सामान्य करार दिया उनकी हाजिरी अलग-अलग रजिस्टर पर बनती रहे वेतन को लेकर मामला जब कोर्ट में गया और खोज शुरू हुई तो यह गड़बड़झाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि साल 2008 में अलग-अलग स्कूलों के दो दर्जन से अधिक शिक्षकों को सेवा मान्यता नहीं मिली थी। उसी समय इनको हटा दिया गया था।
वहीं अब इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ से जवाब मांगा है कि जिसे हटा दिया गया वह कैसे कार्यरत रहा। इसके बाद डीईओ इस मामले में तात्कालिक और वर्तमान हेडमास्टर दोनों से जवाब मांगा है। इसके बाद अब इस मामले में जवाब का इंतजार किया जा रहा है कि इतना बड़ा घोटाला आखिकार हुआ कैसे ?
इधर इस पूरे मामले को लेकर देव अजय कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में हेड मास्टर की ओर से बताया गया आगे संबंधित शिक्षक की अलग उपस्थित बनती रही है ऐसे में सवाल उठता है कि जो शिक्षक सेवा में था ही नहीं उसकी उपस्थिति कैसे बनी है। अब सभी बिंदु पर जांच की जा रही है जल्द ही इस मामले में एक्शन लिया जाएगा।