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1st Bihar Published by: Vikramjeet Updated Sat, 18 Mar 2023 03:10:35 PM IST
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VAISHALI : बिहार में शिक्षा विभाग कितना अलर्ट मोड में काम करता है। इसका प्रमाण आए दिन कहीं न कहीं से देखने को मिल ही जाता है। अब शिक्षा विभाग से ही जुड़ा एक ताजा मामला निकल कर सामने आया है। जहां, एक अपराधी पिछले कई वर्षों से पुलिस और शिक्षा विभाग से सांठ- गांठ कर फर्जी टीचर बन वेतन उठा रहा था। अब पुलिस ने इसको अरेस्ट कर लिया है।
बिहार के दो जिलों के एसपी द्वारा एक ऐसे शक्श का आचरण प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया गया है। जो कई आपराधिक मामलों में शामिल है और राज्य पुलिस की लिस्ट में मोस्ट वांटेड क्रिमिनल हैं। इतना ही नहीं इस अपराधी अपनी जुगाड़ से सरकारी मध्य विद्यालय का टीचर भी बन गया और पिछले 20 वर्षों से बिना स्कूल गए ही वेतन उठा रहा था। हालांकि, जब इस मामले की भनक आईजी को लगी तो उनके द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया और इसे अरेस्ट कर लिया गया है। इस अपराधी की पहचान वैशाली जिले के गोरौल थाना क्षेत्र के रसूलपुर कोरीगांव निवासी हरिश्चन्द्र सिंह के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, यह फरार अपराधी अपनी पैरवी व जुगत भिड़ा कर 2012 में पूर्वी चंपारण के छोडादानो अंचल के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिष्णुपुरवा में शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। कुछ दिन पूर्वी चंपारण में नौकरी करने के बाद इसने अपना तबादला भी मुजफ्फरपुर करवाया लिया। इसकी पहुंच का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि, मोस्ट वांटेड होने के बाद भी इसने जॉइनिंग के लिए आवश्यक आचरण प्रमाण पत्र भी अंचल से नहीं बल्कि एसपी कार्यालय से निर्गत करवाया लिया और आराम से पिछले 20 वर्षों से बिना स्कूल गए वेतन भी उठाया। इतने दिनों बाद जब इस बात की भनक लगी तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया गया और पुलिस ने इसे अरेस्ट किया।
आपको बताते चलें कि, अरेस्ट टीचर पर वैशाली जिले में पिकअप लूट समेत कई मामला दर्ज है। यह साल 2000 से 2005 के बीच कई मामलों में आरोपी रहा है। इसके खिलाफ पुलिस ने कुर्की जब्ती भी की थी। हालांकि, पुलिस ने काफी जांच - पड़ताल के बाद इसे फरार घोषित कर दिया था। इसके आलावा लोहा व्यवसायी के अपहरण मामले से वह वह सुर्खियों में था।