Bihar Election 2025: दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रशासन अलर्ट, इन विधानसभा क्षेत्रों में सशस्त्र घुड़सवार दस्ते से होगी निगरानी देश में बड़ा आतंकी हमला नाकाम, गुजरात ATS ने ISIS के 3 आतंकवादियों को किया गिरफ्तार UPI Offline Payment: अब ऑफलाइन भी पैसे ट्रांसफर करना हुआ आसान, बिना इंटरनेट के UPI से ऐसे भेजें पैसे, जानिए.. पूरा प्रोसेस UPI Offline Payment: अब ऑफलाइन भी पैसे ट्रांसफर करना हुआ आसान, बिना इंटरनेट के UPI से ऐसे भेजें पैसे, जानिए.. पूरा प्रोसेस Bihar Election 2025 : सासाराम में बोले अमित शाह – जरा सी गलती हुई तो लौट आएगा जंगल राज, सोनाचूर चावल को GI टैग, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का वादा किशनगंज में राहुल गांधी की सभा: चुनाव आयोग और PM मोदी पर साधा निशाना, कहा..मेरे हाइड्रोजन बम पर बोलती क्यों बंद है? PAN Card: अगर आपने भी नहीं किया है यह काम, तो इस दिन से बंद हो सकता है आपका पैन कार्ड; जान लें पूरी डिटेल बूढ़े हो गये हैं राहुल गांधी, बीजेपी सांसद ने कसा तंज, कहा..शादी नहीं की, इसका मतलब नहीं कि वो जवान हैं Bihar election duty : नालंदा से सीतामढ़ी जा रही आईटीबीपी जवानों की बस में लगी आग, मची अफरातफरी Success Story: कौन हैं बिहार की बेटी अंजली शर्मा? जिन्होंने UPSC पास कर बन गई अधिकारी; जानिए सफलता की कहानी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 15 Apr 2023 04:33:13 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षक नियुक्ति को लेकर लोगों के सामने झूठ बोल रहे हैं। उनकी सरकार को समर्थन दे रही पार्टी भाकपा माले ने ही नीतीश कुमार की पोल खोल दी है। माले ने नीतीश कुमार के दावे को गलत करार दिया है।
नीतीश का झूठा दावा
दरअसल, नीतीश कुमार ने ये दावा किया है कि बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर बनी नयी नियमावली को उन सभी सात पार्टियों का समर्थन है, जो महागठबंधन की सरकार चला रही है. शुक्रवार को नीतीश कुमार ने जेडीयू के एक कार्यक्रम में शिक्षक नियुक्ति पर बोलते हुए कहा-“अब हमने तय कर दिया है, हम सब लोगों ने मिल कर के। सात पार्टी एक साथ हैं. मिलकर के हम लोगों ने तय कर दिया है कि आगे जो बहाली करेंगे…फिर सरकारी बहाली कर देंगे.” यानि बिहार के मुख्यमंत्री ने ये दावा किया कि नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर उन सभी दलों की सहमति है, जो सरकार का साथ दे रहे हैं. इसमें राजद, जेडीयू, कांग्रेस, भाकपा(माले), सीपीआई, सीपीएम और हम पार्टी शामिल हैं।
भाकपा (माले) ने खोली नीतीश की पोल
लेकिन एक दिन बाद ही भाकपा(माले) ने नीतीश कुमार के दावों की पोल खोल दी है. भाकपा(माले) के 12 विधायक हैं जो सरकार को समर्थन दे रहे हैं. माले की ओर से शिक्षकों का मामला देखने वाले विधायक संदीप सौरभ ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा-“ये पूरी तरीक से गलत बात है. हमारी पार्टी भाकपा(माले) महागठबंधन का प्रमुख घटक दल है. हमारे 12 विधायक हैं. लेकिन हमारी पार्टी ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर कोई बातचीत नहीं हुई.”
माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा-“मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली में ये जो क्लाउज लाया गया है कि पुराने शिक्षकों को बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद राज्यकर्मी बनाया जायेगा, इस पर हमारी पार्टी से कोई बात नहीं की गयी. हमसे कभी सहमति नहीं ली गयी.” विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि जब शिक्षक नियुक्ति नियमावली तैयार हो रही थी तो उनकी पार्टी ने राज्य सरकार को लिखित तौर पर ज्ञापन सौंपा था कि सारे नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे. इसमें बीपीएससी से परीक्षा लेने जैसी कोई शर्त की बात ही नहीं थी. हमने मांग की थी कि नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग की जाये जो कई सालों से फाइलों में दबी हुई है।
भाकपा माले ने राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को बिना परीक्षा और बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी बनाने की मांग की है. माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि जो शिक्षक सालों से काम कर रहे हैं, सरकार की शर्तों को पूरा करने के बाद नियुक्ति हुए हैं उन्हें एक झटके से सवालों के दायरे में नहीं लाया जा सकता है. शिक्षकों ने बीटेट,सीटेट और एसटेट की परीक्षा पास की है. इन परीक्षाओं का आयोजन सरकार ने ही किया था. तो क्या ये मान लिया जाये कि सरकार ने गलत परीक्षा ली थी. इसलिए राज्य सरकार बगैर किसी शर्त के सारे नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाये।