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मैं बनिया का बेटा : बिहार आकर अमित शाह को क्यों बतानी पड़ गई अपनी जाति?

1st Bihar Published by: SAURABH KUMAR Updated Thu, 16 May 2024 06:29:28 PM IST

मैं बनिया का बेटा  : बिहार आकर अमित शाह को क्यों बतानी पड़ गई अपनी जाति?

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SITAMARHI : बिहार दौरे पर आये अमित शाह को आज यह बताना पड़ा कि वह बनिया के बेटे हैं। अमित शाह ने गुरुवार को बिहार के सीतामढ़ी और मधुबनी में दो जनसभाओं को संबोधित किया। इसमें एक सभा में उन्होंने खास तौर पर बताया कि वह किसके बेटे हैं। खास बात यह भी है कि दूसरी सभा में उन्होंने इसका जिक्र तक नहीं किया। समझिये अमित शाह का निशाना कहां था।


सीतामढी में बोला- मैं बनिया का बेटा हूं

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से जेडीयू के प्रत्याशी देवेश चंद्र ठाकुर के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं बनिया का बेटा हूं। लालू जी बिहार को केंद्र से मदद मिलने पर सवाल उठाते हैं। मैं पूरा हिसाब लेकर आया हूं कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो बिहार को क्या मिला और जब नरेंद्र मोदी की सरकार आयी तो बिहार को कितनी मदद दी गयी। अमित शाह चुनाव से पहले भी बिहार की अपनी जनसभाओं में इसकी तुलना करते रहे हैं। लेकिन सीतामढी में पहली दफा यह कहा कि वह बनिया के बेटे हैं। 


दिलचस्प बात यह है कि सीतामढ़ी के बाद अमित शाह की जनसभा मधुबनी में भी थी। मधुबनी की सभा में सीतामढ़ी से ज्यादा लोग मौजूद थे। लेकिन वहां अमित शाह ने एक बार भी इसका जिक्र नहीं किया कि वह बनिया के बेटे हैं। उन्होंने मधुबनी में भी मोदी सरकार से बिहार को मिलने वाली मदद का जिक्र किया लेकिन फर्क सिर्फ इतना था कि यह नहीं बताया कि वह बनिया के बेटे हैं और इसलिए सारा हिसाब रखते हैं।


सीतामढ़ी में क्यों बतायी जाति?

सियासी जानकार समझ रहे हैं कि अमित शाह ने सीतामढ़ी में जानबूझ कर इसका जिक्र किया है कि वह बनिया के बेटे हैं। अमित शाह के पास फीडबैक था कि सीतामढ़ी ही नहीं बल्कि बगल की शिवहर लोकसभा सीट पर भी बनिया तबके में नाराजगी है। जबकि बनिया बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं। लेकिन उनमें बीजेपी को लेकर भरी नाराजगी है। बीजेपी और जेडीयू ने सीतामढ़ी और शिवहर दोनों सीट पर बनिया तबके से आने वाले सीटिंग सांसदों का टिकट काट दिया है। सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू जेडीयू के निर्वतमान सांसद हैं। सुनील कुमार पिंटू वैश्य समाज के तेली जाति से आते हैं। जेडीयू ने उनका टिकट काटकर जेडीयू के ही ब्राह्मण उम्मीदवार देवेशचंद्र ठाकुर को खड़ा किया है। इससे तेली समाज में भारी नाराजगी है। 


मामला शिवहर सीट पर भी फंसा हुआ है। वहां बीजेपी की रमा देवी सीटिंग सांसद हैं। रमा देवी भी बनिया समाज के कलवार जाति से आती हैं। बीजेपी ने यह सीट जेडीयू को दे दी है। जेडीयू ने राजपूत जाति से आने वाली लवली आनंद को यहां से टिकट दिया है। जबकि राजद ने शिवहर से कलवार जाति की रितु जायसवाल को खड़ा किया है। लिहाजा शिवहर सीट पर वैश्य समाज में नाराजगी है। 


अमित शाह के पास इसका फीडबैक था। लिहाजा, मंच से उन्होंने बताया कि वह बनिया के बेटे हैं। अमित शाह ने लोगों को यह भी समझाया कि वे तीर छाप को वोट देंगे तभी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, बनिया तबके का बड़ा वर्ग जेडीयू से नाराज है। वे खुलेआम कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी तो मंजूर हैं लेकिन जेडीयू का हम विरोध करेंगे। अमित शाह उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे कि जेडीयू को वोट देने का मतलब भी नरेंद्र मोदी को ही समर्थन करना है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है तो जेडीयू के तीर छाप पर बटन दबाना होगा।


अब देखने वाली बात यह है कि अमित शाह का यह दांव कहां तक चल पाता है। वैसे अभी भी सीतामढ़ी और शिवहर के वैश्य तबके में नाराजगी साफ़ देखी जा रही है। क्या बनिया का बेटा वाला दांव उन पर असर करेगा, यह तो अब मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा।