PATNA: पूरी दुनिया जब डिजीटल क्रांति की बात कर रहा है तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोशल मीडिया पर आयी किसी बात को देखते तक नहीं। नीतीश कुमार खुद ट्वीटर से लेकर फेसबुक पर सक्रिय हैं। वहां बड़ी-बड़ी घोषणायें करते हैं लेकिन अगर किसी दूसरे से कोई बात सोशल मीडिया पर लिख दी तो फिर उसे वे कभी नहीं देखते। मुख्यमंत्री ने खुद विधानसभा में गर्व के साथ ये एलान किया।
नीतीश का तेजस्वी को जवाब
दरअसल बिहार विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि वे शराबबंदी समेत दूसरे मुद्दों पर लगातार मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं लेकिन मुख्यमंत्री उसे देखते तक नहीं। उन पत्रों का कोई जवाब नहीं आता। बिहार के मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष के पत्र को पढ़ने औऱ उसका जवाब देने की फुर्सत नहीं है।
नीतीश का तर्क जानिये
तेजस्वी यादव के आऱोपों के बाद नीतीश कुमार जवाब देने के लिए उठ खड़े हुए। नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोग उनका स्वभाव जानते हैं। अगर किसी ने उन्हें कोई पत्र लिखा और वह सोशल मीडिया पर आ जाये तो फिर वे उस पत्र को देखते ही नहीं। यानि अगर वो पत्र डाक से भी उनके पास भेजी जाये औऱ फिर सोशल मीडिया पर डाल दिया जाये तो नीतीश कुमार डाक से पहुंचे पत्र को भी नहीं देखेंगे।
नीतीश के जवाब पर हैरान मत होइये
ये वो दौर है जब पूरी दुनिया में डिजिटल क्रांति आ रही है। भारत में ही केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकारें भी ट्वीटर औऱ फेसबुक के जरिये मिली जानकारी का न केवल संज्ञान ले रही हैं बल्कि उस पर कार्रवाई पर भी की जा रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया से मिली जानकारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार सोशल मीडिया पर आ गयी बात पर नजर नहीं डालने का खुलेआम एलान कर रहे हैं।
ये हाल तब है जब खुद नीतीश कुमार सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. नीतीश कुमार का फेसबुक औऱ ट्वीटर दोनों पर अकाउंट हैं. पिछले कई महीनों मे सरकार के कई अहम फैसलों का एलान नीतीश कुमार ने खुद ट्वीटर या फेसबुक के जरिये किया है। लेकिन अगर कोई दूसरा लिख दे तो वे उस ओऱ झांकते तक नहीं।
क्यों नाराज हैं नीतीश
सियासी जानकार नीतीश की नाराजगी का कारण भी जानते हैं। दरअसल सोशल मीडिया ही वह जगह है जो नीतीश कुमार के कंट्रोल से बाहर की चीज हो गयी है। वर्ना मेन स्ट्रीम मीडिया कहे जाने वाले अखबारों औऱ बिहार के टीवी चैनलों की हालत जगजाहिर है। नीतीश का मैनेजमेंट सिस्टम मेनस्ट्रीम मीडिया कहे जाने वाले अखबारों औऱ टीवी चैनलों को किस तरह मैनेज करता है इसकी चर्चा अक्सर होती रहती है। लेकिन सरकार जिस भी खबर को दबाना चाहती है वह आग की तरह फैलती है और इसमें सबसे बड़ा योगदान सोशल मीडिया का रहता है। लिहाजा नीतीश कुमार अपने पार्टी से लेकर सरकार के लगभग हर कार्यक्रम में सोशल मीडिया को कोसने से बाज नहीं आते। वे सोशल मीडिया को एंटी सोशल मीडिया करार देते रहे हैं।