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सोमवती अमावस्या 2024: पितरों की शांति और तर्पण का विशेष महत्व, जानें शुभ उपाय

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 23 Dec 2024 11:31:51 PM IST

सोमवती अमावस्या 2024: पितरों की शांति और तर्पण का विशेष महत्व, जानें शुभ उपाय

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हर साल 12 अमावस्या होती हैं, जो विशेष रूप से पितरों की पूजा-अर्चना और उनकी शांति के लिए समर्पित होती हैं। अमावस्या का दिन तर्पण, पिंडदान और दान जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से न केवल पितृदोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।


2024 में सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ रही है। इस बार यह अमावस्या खास है, क्योंकि इस दिन वृद्धि योग और मूल नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।


सोमवती अमावस्या का महत्व

उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि जब अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह दिन पितरों की पूजा और तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए तर्पण और पिंडदान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं।


पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि पितरों की शांति के लिए इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं:


पितृ चालीसा का पाठ करें: इस दिन से नियमित रूप से पितृ चालीसा का पाठ शुरू करें। इससे पितरों की नाराजगी दूर होती है।

तर्पण और पिंडदान: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करें।

दान-दक्षिणा का महत्व: जरूरतमंदों को उड़द की दाल, तिल, चीनी या जलदान करें।


सोमवती अमावस्या पर विशेष पूजा-अर्चना

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है। भोलेनाथ के मंत्रों का जाप और बेलपत्र अर्पित करने से पितृदोष और ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।


स्नान और दान का महत्व

इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना और शुद्ध वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, किसी पवित्र नदी में स्नान करना और दान-पुण्य करना विशेष फलदायी होता है।


विशेष संयोग का महत्व

2024 की सोमवती अमावस्या पर वृद्धि योग और मूल नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है। यह संयोग धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य और पूजा-अर्चना से पितृदोष, ग्रह दोष और अन्य कष्टों से मुक्ति मिलती है।


सोमवती अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। ऐसे में इस पावन अवसर का लाभ अवश्य उठाएं।