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1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Dec 2020 11:41:33 AM IST
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DESK :कोरोना मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अब पोस्टर लगाने की अब कोई जरुरत नहीं है. यदि लगाना भी है तो इससे पहले केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारी का आदेश होना अनिवार्य है.
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के पोस्टर लगाए जाने से लोग मरीज को अछूत समझ रहे हैं और उनके साथ भेदभाव हो रहा है. समाज में लोग उसके प्रति घृणा का भाव भर ले रहे हैं.
बता दें कि याचिका पर पहली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन लोगों की नीजिता का हनन है जहां पोस्टर लगाए गए हैं. साथ ही पोस्टर लगाए जाने से मरीजों और उनके घर वालों को पड़ोसियों से दिक्कत हो रही है. वहीं सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने साफ किया कि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है. पोस्टर लगाए जाने का फैसला राज्य सरकारों का है. और उनका मकसद ये है कि मरीज के पड़ोसी या कोई और वहां उस घर में या आसपास जाने से बचे. इस तरह कोरोना से बचा जा सकता है. लेकिन इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज़मीनी हकीकत कुछ और है, पोस्टर लगाए जाने से लोग मरीजों को अछूत समझने लगे हैं.