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1st Bihar Published by: Updated Thu, 03 Jun 2021 11:34:42 AM IST
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DESK: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने फिल्मों के निर्माता और निर्देशकों को कहा कि जब तक अदालत का फैसला नहीं आता तब तक फिल्म रिलीज न करें। गौरतलब है कि यह फिल्म 11 जून को रिलीज होने के सेड्यूल है।
सुनवाई के दौरान फिल्म न्याय द-जस्टिस के निर्देशक की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि इस फिल्म में सुशांत का नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म सुशांत की बायोपिक नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्म के रिलीज को बड़े स्तर पर प्रचारित किया जा चुका है। इस पर पीठ ने कहा कि अगर फैसला नहीं दे सके तो 11 जून से पहले मामले की सुनवाई कर फिल्म पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश जारी करेंगे। अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि किसी को फिल्म बनाने से राेकना ठीक है और अभिव्यक्ति की आजादी संविधान में दी गई है। सुशांत एक सेलेब्रिटी थे और लोग जानना चाहते हैं कि उनके साथ क्या हुआ।
वहीं सुशांत के पिता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह व अधिवक्ता वरुण सिंह ने फिल्म निर्माता व निर्देशक की तरफ से पेश की गई दलील का विरोध किया। सुशांत के पिता ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके बेटे का नाम या उसकी पसंद को प्रस्तावित फिल्मों में इस्तेमाल करने से रोका जाए। सुशांत के जीवन पर आधारित आगामी या प्रस्तावित फिल्मों में ए स्टार वास लास्ट, शशांक, न्याय- द जस्टिस, आत्महत्या या हत्या हैं।
यह आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता स्थिति का लाभ उठाने के लिए इस तरफ की फिल्म बना रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि इस तरह की विभिन्न नाटक, फिल्में, वेब-सीरीज, किताबें, साक्षात्कार या अन्य सामग्री प्रकाशित हो सकती है, जो उनके बेटे या उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। फिल्म निर्माताओं से उन्होंने इसके लिए दो करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग की है।