PATNA: क्या सुशासन औऱ कानून के राज का दावा करने वाले नीतीश कुमार को अपने मंत्रियों औऱ विधायकों पर लग रहे गंभीर आरोप अच्छे नजर आ रहे हैं. राज्य सरकार में मंत्री लेसी सिंह पर हत्या का FIR दर्ज होने के बाद वैसे क मामले सामने आ रहे हैं जिनमें नीतीश कुमार की पार्टी के विधायकों और नेताओं पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई. तो ये मान लिया जाये कि कानून का राज जुमला बन गया है औऱ सुशासन पर लगे सारे दाग अच्छे हैं.
दरअसल पिछले कुछ सालों में नीतीश कुमार के खास विधायकों औऱ नेताओं पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. इनमें हत्या से लेकर शराब के नशे में धुत्त होकर हंगामा जैसे आरोप शामिल हैं. शराब की 30 एमएल की बरामदगी या फिर मुंह से अल्कोहल की गंध आने पर ही लोगों को जेल भेजने वाली नीतीश कुमार की पुलिस के हाथ सत्ताशीर्ष के करीबियों के गिरेबान तक पहुंचने के नाम से ही थरथराते दिख रहे हैं. हम कुछ मामलों को फिर से आपके सामने रख रहे हैं जिसमें सत्तारूढ़ नेताओं पर गंभीर आरोप लगे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
मंत्री लेसी सिंह का मामला
मंत्री लेसी सिंह का मामला सबसे ताजा है. लेसी सिंह के खिलाफ पूर्णिया में मर्डर का एफआईआर दर्ज हुआ है.पूर्णिया में पूर्व जिला पार्षद रिंटू सिंह हत्याकांड में दर्ज हुई एफआईआर में मृतक की पत्नी ने लेसी सिंह पर सीधा आरोप लगाया है. पुलिस कह रही है कि हम आऱोपों को जांचेंगे तब आगे की बात सोचेंगे. मंत्री अपनी कुर्सी पर बनी हुई हैं. कानून का राज मुकदर्शक बना हुआ है.
शऱाबखोरी के आरोपी गोपाल मंडल पर कार्रवाई नहीं
हमेशा विवादों में रहने वाले जेडीयू के बाहुबली विधायक गोपाल मंडल पर चलती ट्रेन में शराब पीकर उत्पात मचाने, अर्धनग्न होकर घूमने औऱ एक दलित युवक के साथ मारपीट कर उसे जबरन गंदा पानी पिलाने का आऱोप लगा था. मामला दिल्ली की रेलवे पुलिस मे दर्ज हुआ औऱ वहां से रिपोर्ट बिहार पुलिस के पास भेजा गया. लिहाजा बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी. लेकिन गोपाल मंडल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम आपको बता दें कि यही बिहार पुलिस शराब के आऱोप में किसी आम आदमी की गिरफ्तारी ही नहीं बल्कि उसका घर तक जब्त कर लेती है. गोपाल मंडल अपवाद बन गये. पुलिस को उनके खिलाफ न शराबखोरी का सबूत मिला औऱ ना ही दलित उत्पीड़न का.
विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय
गोपालगंज के कुचायकोट से जेडीयू के बाहुबली विधायक हैं अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय. पिछले साल उन पर तीन लोगों की हत्या कराने का एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन पुलिस को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. मारे गये लोगों के परिजन चीख चीख कर पप्पू पांडेय पर हत्या कराने का आऱोप लगाते रहे पुलिस ने कहा कि कोई आरोप ही नहीं बनता. उससे पहले पप्पू पांडेय पर पटना के एक ठेकेदार से रंगदारी मांगने का आरोप लगा. पीडित ठेकेदार ने पप्पू पांडेय की पुलिस औऱ सरकार से सांठगांठ के बेहद गंभीर आऱोप लगाये. उनकी आशंका सच साबित हुई औऱ पप्पू पांडेय का कुछ नहीं बिगड़ा. जेडीयू के इस विधायक के खिलाफ लगभग हत्या, रंगदारी समेत बेहद संगीन मामलों के लगभग तीन दर्जन एफआईआर दर्ज हैं. एक एक वे इन आऱोपों से बरी होते जा रहे हैं.
विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह
दो महीने पहले की ही बात है जब कुमुद वर्मा नाम की महिला नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंची थी. कुमुद वर्मा ने मुख्यमंत्री के सामने रो-रो कर कहा कि बाल्मिकीनगर से जेडीयू के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने उनके पति दयानंद वर्मा की बीच बाजार हत्या करा दिया है. हत्या के इस मामले में विधायक रिंकू सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज है लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जनता दरबार में महिला की शिकायत सुनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि वे कार्रवाई करेंगे. विधायक धीरेंद्र सिंह उर्फ रिंकू सिंह मजे से घूम रहे हैं औऱ कानून का राज कहां छिप गया है इसकी तलाश में पीडित महिला कुमुद वर्मा लगी है.
मंत्री रामसूरत राय के भाई पर कार्रवाई नहीं
बिहार सरकार में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय हैं. मुजफ्फरपुर में उनके भाई के कैंपस से भारी मात्रा में शराब बरामद हुई. मंत्री के भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन पुलिस ने मंत्री के भाई को नहीं गिरफ्तार किया. इस मामले को लेकर बिहार विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. सरकार ने कहा कि कार्रवाई होगी. लेकिन पुलिस ने मंत्री के भाई को इतना मौका दिया कि वे कानूनी प्रक्रिया का लाभ उठा कर बच सकें. मंत्री के भाई खुलेआम घूम रहे हैं. हम आपको बता दें कि बिहार में किसी के परिसर में शराब की बरामदगी के बाद पुलिस न सिर्फ गिरफ्तारी करती है बल्कि जमीन भी जब्त कर लेती है. मंत्री के भाई के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।