Bihar News: बिहार में JDU कार्यालय के बाहर मारपीट से मचा बवाल, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में BJP के 53 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला, दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में झोकी पूरी ताकत Bihar News: बिहार में इस पार्टी के लिए वोट जुटाने वाले को दबंग ने घर में घुसकर पीटा; बच्चों व महिलाओं को भी बनाया अपना शिकार Patna News: मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, इंदिरा आवास योजना से बना था घर Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बनी चिंता का विषय Bihar Election 2025: क्या सीमांचल की 24 सीटें बदल देंगी बिहार की सियासत, दांव पर है नीतीश के मंत्री की किस्मत? Bihar Election 2025: कौन आएगा सत्ता में और किसकी पता होगा साफ? दूसरे चरण के मतदान से तय होगी बिहार की सियासत, जानें क्या हैं चुनावी समीकरण श्रेयसी सिंह के लिए जमुई में 10 किमी लंबा रोड शो, स्मृति ईरानी और अश्विनी चौबे रहे मौजूद बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Jan 2023 07:46:38 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 19 साल पहले केंद्र सरकार में रेल मंत्री हुआ करते थे. बीजेपी नेता सुशील मोदी को नीतीश कुमार को उस दौर का कारनामा याद आय़ा है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जब केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे तो उन्होंने 1 लाख 37 हजार नौकरियां कम कर दी थी. नीतीश के समय बिहार को रेल के लिए जितना पैसा मिलता था उससे कई गुणा ज्यादा आज मिल रहा है. बता दें कि नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री थे औऱ 2004 में इस पद से हट गये थे.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बयान जारी कर कहा कि नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते रेलवे में 1 लाख 37 हजार नौकरियाँ कम हो गई थीं. लेकिन अब मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल में 3 लाख 74 हजार लोगों को रेलवे में नौकरी मिलीं. सुशील मोदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरका ने रेल बजट को आम बजट में मिला दिया. इससे बिहार को काफी फायदा हुआ. बिहार में रेलवे का बजट अनुदान यूपीए सरकार की तुलना में 6 गुना बढ़ कर 6,606 करोड़ रुपये हो गया है।
भारत के अलावा किसी देश में अलग से रेल बजट नहीं होता था. नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में भी अलग से रेल बजट की परंपरा खत्म कर दीसुशील मोदी ने अलग से रेल बजट को बेकार की परिपाटी करार देते हुए इसे खत्म करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया और इसके फायदे गिनाये. उन्होंने कहा कि 2003-04 में जब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे तो उस समय के रेल बजट में रेलवे को केंद्र सरकार से बजट सहायता के रूप में सिर्फ 7 हजार करोड़ रुपये मिले थे. आज आम बजट में रेलवे के लिए 1 लाख 59 हजार करोड़ प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि अलग रेल बजट के जमाने में हर रेल मंत्री बिना बजट प्रावधान के लोकलुभावन घोषणाएँ कर देते थे, लेकिन वे संसाधन के अभाव में उन घोषणाओं को पूरा नहीं कर पाते थे।
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार दस-बीस साल पहले की रेलवे संबंधी घोषणाएं को भी लागू करा रही है, क्योंकि अब बजट सहायता राशि में 484 फीसद की वृद्धि हो चुकी है. नीतीश कुमार को ये बदलाव और काम नहीं दिखते. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय रेलवे का विद्युतीकरण 14 किलोमीटर सालाना था, जो मोदी-सरकार के समय 1750 गुणा बढ कर 245 किलोमीटर सालाना हो गया है. पहले साल में केवल तीन आरओबी बनते थे, लेकिन अब हर साल रेलवे 40 आरओबी बनवा रही है.