ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar politics: चुनावी साल में एक्टिव हुए सीएम नीतीश, भीषण गर्मी के बीच अचानक कहां रवाना हो गए? Bihar politics: चुनावी साल में एक्टिव हुए सीएम नीतीश, भीषण गर्मी के बीच अचानक कहां रवाना हो गए? Bihar News: बिहार के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना, सरकार ने कर दिया टारगेट सेट; बनेंगी नई फोरलेन सड़कें Bihar News: बिहार के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना, सरकार ने कर दिया टारगेट सेट; बनेंगी नई फोरलेन सड़कें Bihar News: बिहार में सिंदूरदान से पहले दुल्हन ने शादी से कर दिया इनकार, बिना ब्याह के लौट गई बारात; जानिए.. पूरी वजह Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद, चेन स्नैचिंग के दौरान महिला को किया घायल; भागने के दौरान की फायरिंग 5th Generation Fighter Jet: 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट का काम तेज, दूर हुई सबसे बड़ी बाधा Kanwar Yatra: AI टेक्नोलॉजी से लैस होगी कांवड़ यात्रा, हर श्रद्धालु पर रहेगी नजर Bihar Crime News: जमीनी विवाद में गोलीबारी और बमबारी, एक गंभीर रूप से घायल; छापेमारी जारी Andhra Pradesh population policy: जनसंख्या बढ़ाओ, पैसा पाओ! इस राज्य में परिवार बढ़ाने पर सरकार देगी आर्थिक मदद

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय, सुशील मोदी बोले- लालू परिवार की दुर्दशा के लिए नीतीश-ललन जिम्मेवार

1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Sat, 11 Mar 2023 02:45:09 PM IST

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय, सुशील मोदी बोले- लालू परिवार की दुर्दशा के लिए नीतीश-ललन जिम्मेवार

- फ़ोटो

PATNA: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में लालू परिवार मुश्किलों में घिरता जा रहा है। लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई के बाद ईडी की कार्रवाई से बिहार की सियासत तेज हो गई है। आरजेडी के साथ साथ जेडीयू भी इसके लिए बीजेपी और केंद्र सरकार को दोषी बता रही है। बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी और जेडीयू के आरोपों का जवाब दिया है। सुशील मोदी ने कहा है कि लालू ने जैसा काम किया आज उसका फल भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग आज बीजेपी और केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि लालू परिवार की दुर्दशा के लिए सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार और ललन सिंह जिम्मेवार हैं। उन्होंने ही सीबीआई को लालू के खिलाफ कागजात उपलब्ध कराए थे और आज एक साथ सरकार चला रहे हैं।


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन लेने का जो मामला है उसे उजागर करने वाला कोई और नहीं बल्कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं। साल 2008 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री हुआ करते थे, उस वक्त ललन सिंह और शरद यादव दोनों उनके पास पहुंचे थे और ज्ञापन देकर कार्रवाई करने की मांग की थी। देश में यूपीए की सरकार होने के कारण उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी तब ललन सिंह एक बार और सक्रिय हो गए थे। ललन सिंह और नीतीश की पार्टी से सीबीआई को सभी कागजात उपलब्ध कराए थे, जिसके आधार पर लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने की लालच में भ्रष्टाचार से समझौता करने वाले नीतीश कुमार आज भले ही लालू प्रसाद के साथ खड़े नजर आ रहे हैं लेकिन कल तक उनकी ही पार्टी के लोग लालू के खिलाफ सीबीआई को कागज उपलब्ध करा रहे थे। सीबीआई को पास पक्के प्रमाण और सबूत हैं जिसे कोई नकार नहीं सकता है। तेजस्वी यादव को यह बताना चाहिए कि हृदयानंद चौधरी कौन है। हृद्यानंद चौधरी रेलवे में फोर्थ ग्रेड के कर्मी हैं, जिन्हे लालू प्रसाद ने रेलवे में नौकरी दी थी। उस हृद्यानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी चंदा यादव को 60 लाख की अपनी जमीन गिफ्ट कर दी। सीबीआई के पास इस बात के पक्के सबूत मौजूद हैं, ऐसे में लालू और तेजस्वी यादव के परिवार को कोई बचा नहीं सकता है।


सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार आज जो सिंपैथी कार्ड खेल रहे हैं उन्हें यह एलान कर देना चाहिए कि जिस घर में कोई गर्भवती महिला है या कोई बीमार है तो उस घर में बिहार पुलिस छापेमारी करने नहीं जाएगी। नीतीश कुमार और लालू के सिंपैथी कार्ड चलने वाला नहीं है। दिल्ली के पॉश इलाके में स्थित जिस मकान में ईडी छापेमारी करने पहुंची थी, तेजस्वी यादव बताएं कि वह मकान उनका कैसे हो गया। लोगों की पूरी जिंदगी गुजर जाती है और वे अपना छोटा सा मकान तक नहीं बनवा पाते हैं लेकिन तेजस्वी 29 साल की उम्र में ही 52 संपत्तियों का मालिक बन गए। इन बातों का जवाब देने के बजाए दूसरों पर फंसाने का आरोप लगाया जा रहा है। इस तरह की बात कहने से लालू परिवार को कोई बचा नहीं पाएगा।


वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यह कहने पर कि जब भी वे महागठबंधन में जाते हैं लालू परिवार पर रेड शुरू हो जाता है, इसपर सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की खिलाफ पहला बार रेड उस वक्त हुई थी जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। लालू जब पहली बार जेल गए तो उस वक्त अटल बिहारी बाजपेयी प्रधानमंत्री नहीं थे बल्कि उस वक्त देश में यूपीए की ही सरकार थी। लालू के घर में यह कोई पहला रेड नहीं हो रहा है। हिम्मत है तो नीतीश कुमार एलान कर दें कि जो चारा घोटाला में लालू को सजा हुई है वह फर्जी कागजातों के आधार पर हुआ है। ललन सिंह भी ऐलान करें कि उन्होंने सीबीआई को फर्जी कागजात उपलब्ध कराए थे। बोया पेड बबूल का तो आम कहां से होय, गलत किया है तो उसका परिणाम भी भुगतना पड़ेगा। लालू परिवार की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार और ललन सिंह जिम्मेवार हैं।