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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 Jun 2023 05:16:39 PM IST
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PATNA: बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून पूरी तरह से बेअसर हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि शराबबंदी के तहत दर्ज 4 लाख मुकदमों को वापस लेकर सरकार लोगों को आम माफी दे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि गुजरात की तर्ज पर पर्यटकों और बीमार लोगों के लिए शराब का परमिट जारी किया जाए।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी कानून को पिछले 6 साल में जब इतना कमजोर कर दिया गया कि यह पूरी तरह से बेअसर हो चुका है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह शराबबंदी कानून के तहत दर्ज 4 लाख से अधिक मुकदमों को वापस लेते हुए आम माफी का एलान कर दे। शराबबंदी संबंधी मुकदमे वापस लेने से जहां दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के लाखों गरीबों को राहत मिलेगी वहीं अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा। शराबखोरी के चलते जो लोग पहली बार जेल गए, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले शराब पाए जाने पर वाहनों को जब्त करने का नियम था, फिर इसे शिथिल करते हुए वाहन बीमा राशि का 50 फीसद जुर्माने के तौर पर भरकर वाहन छोड़ने का नियम बना। अब बीमा राशि का मात्र 10 फीसद जमा कर शराब ले जाते पकड़ा गए वाहन को आसानी से छुड़ाया जा सकता है। नियमों में लगातार नरमी से भी साफ है कि राज्य सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने में विफल है।
सुशील मोदी ने कहा कि 2016 में एक बोतल शराब मिलने पर मकान और वाहन जब्त करने का कानून था और आज शराब माफिया के दबाव में सरकार मामूली जुर्माना लगाने पर आ गई है। बिहार में गुजरात की तरह परमिट व्यवस्था लागू करनी चाहिए, ताकि बीमार लोगों को मेडिकल ग्राउंड पर और पर्यटकों के लिए सीमित मात्रा में शराब की आपूर्ति आसान हो सके। अपनी जिद छोड़ कर नीतीश कुमार शराब की परमिट व्यवस्था लागू करें, तो राजस्व बढेगा, तस्करी पर अंकुश लगेगा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर भी बढेंगे।