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1st Bihar Published by: Updated Mon, 11 Oct 2021 07:55:28 PM IST
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PATNA: परिवार में लगी आग को बुझाने दिल्ली से पटना पहुंची राबड़ी देवी की मुलाकात आज अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से हो गयी। एक दिन पहले राबड़ी देवी तेजप्रताप के घर से बैरंग वापस लौटी थीं। आज तेजप्रताप अपनी मां से मिलने पहुंचे वह भी तब जब भाई तेजस्वी घर में नहीं थे। लेकिन अंदर जो कुछ हुआ उससे यही संकेत मिल रहा है कि परिवार में लगी आग के बुझने के आसार बेहद कम हैं।
तेजस्वी की गैरमौजूदगी में मां-बेटे की मुलाकात
तेजप्रताप यादव सोमवार की शाम लगभग साढ़े सात बजे अपनी मां राबड़ी देवी से मिलने उनके आवास पर पहुंच गये। मां के साथ ही रहने वाले तेजस्वी उस वक्त घर में मौजूद नहीं थे। तेजस्वी स्व. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा के निकाह में शामिल होने सिवान गये हुए थे। शाम के साढ़े सात बजे तेजप्रताप की गाड़ी राबड़ी देवी के आवास के अंदर घुसी और फिर तकरीबन 17 मिनट में वापल बाहर निकल गयी। राबड़ी आवास के गेट के बाहर खडे मीडियाकर्मी रोकते रह गये लेकिन तेजप्रताप बगैर कुछ बोले वहां से निकल गये।
क्या हुई राबड़ी और तेजप्रताप में बात
फर्स्ट बिहार ने ये पता लगाने की कोशिश की कि तेजप्रताप के राबडी आवास में जाने के बाद क्या हुआ. पता चला कि मां-बेटे में अकेले में बात हुई. लेकिन इस दौरान तेजप्रताप यादव का चेहरा तमतमाया हुआ था। चेहरे पर तनाव साफ दिख रहा था। वे जोर से कुछ बोल रहे थे लेकिन दूर खड़े लोगों तक आवाज साफ नहीं आ रही थी।
बेटा मां के पास पहुंचा था वह भी लंबे अर्से बाद लेकिन न कुछ खाया और न पिया। तनाव भरे चेहरे के साथ ही तेजप्रताप यादव बाहर निकले और गाड़ी पर सवार होकर निकल गये। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उस वक्त राब़ड़ी देवी के आवास में कई ऐसे लोग मौजूद थे जिनका तेजप्रताप यादव से पुराना वास्ता रहा है। लेकिन तेजप्रताप यादव ने ज्यादातर लोगों से हाल-चाल पूछने की भी औपचारिकता नहीं निभायी।
वैसे कल पटना पहुंचते ही राबड़ी देवी तेजप्रताप यादव के आवास पर गयी थीं लेकिन तेजप्रताप उनके पहुंचने से पहले ही घर से निकल गये थे। इससे कल ही ये साफ हो गया था कि तेजप्रताप यादव समझौते मूड में नहीं हैं।
नहीं बूझेगी परिवार में लगी आग
राबड़ी देवी से तेजप्रताप यादव की आज हुई मुलाकात से भी ये लगभग साफ हो गया है कि लालू-राबड़ी फैमिली में लगी आग बुझने वाली नहीं है। दरअसल तेजप्रताप यादव अपने भाई के खिलाफ इतना आगे बढ़ गये हैं जहां से वापसी संभव नहीं है। तेजप्रताप से अच्छे संबंध रखने वाले राजद के एक नेता ने बताया कि वे चाहते हैं कि बड़ा बेटा होने के कारण लालू यादव का सियासी उत्तराधिकारी उन्हें बनाया जाये।
अगर तेजस्वी सीएम पद के दावेदार हैं तो भी तेजस्वी वही करें जो तेजप्रताप यादव उन्हें कहें. तेजप्रताप ये भी चाहते हैं कि तेजस्वी अपने सारे सलाहकार और करीबी लोगों को हटा दें. तेजप्रताप चाहते हैं कि तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत कई औऱ अहम लोग पार्टी और आवास से चलता कर दिये जायें।
तेजप्रताप यादव की ऐसी शर्तें तेजस्वी यादव को किसी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा. उधर पिछले एक-डेढ़ महीने में तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी और राजद को जितना डैमेज करने की कोशिश की है, उसे तेजस्वी भूलने वाले नहीं हैं। तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी औऱ सबसे निकटतम सलाहकार संजय यादव पर पैसे कमाकर दिल्ली में मॉल बनाने का आऱोप लगाया। जगदानंद सिंह जैसे पार्टी के सबसे सीनियर लीडर को हिटलर करार दे चुके हैं. शिवानंद तिवारी के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते रहे हैं।
सबसे बड़ी बात तो ये रही कि तेजप्रताप यादव ने खुले मंच से ये आरोप लगा दिया कि लालू यादव को दिल्ली में बंधक बना कर रखा गया है और तेजस्वी राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं. बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर उप चुनाव हो रहा है जो राजद औऱ तेजस्वी के लिए सबसे अहम चुनाव बन गया है. तेजप्रताप ने इस चुनाव में तारापुर से यादव कैंडिडेट उतार दिया।
मकसद था राजद के वोट बैंक में सेंधमारी करना जिसका सीधा फायदा जेडीयू औऱ नीतीश कुमार को मिलता. हालांकि तेजप्रताप का उम्मीदवार अगले ही दिन पलटी मार कर तेजस्वी के पास पहुंच गया लेकिन वहां पहुंच कर सारा राज भी बता दिया कि कैसे और किसके कहने पर चुनाव मैदान में कूदे थे। कुल मिलाकर कहें तो हालात ऐसे हो गये हैं या फिर कहें कि तेजप्रताप यादव ने क्रियेट कर दिया है कि अब वापसी मुमकिन नहीं है. ये घमासान और बढ़ने वाला है।