ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Aug 2023 07:31:08 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं डॉक्टर अब तक सिर्फ अपने-अपने मेडिकल अस्पताल में ही पढ़ाई के साथ-साथ मरीजों के इलाज के गुरु सिख रहे थे। लेकिन अब उनकी पढ़ाई को और अधिक मजबूत करने के लिए उनकी जिम्मेदारी जिले के अस्पतालों में न केवल तय किया जा चुका है बल्कि जल्द उन्हें मरीजों के इलाज का जिम्मा भी दिया जाएगा।
दरअसल, बिहार के उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव के विभाग की तरफ से यह तय किया गया है कि- अब राज्य में पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं मेडिकल छात्रा जिलों के सदर अस्पताल एवं चिकित्सा संस्थानों में मरीजों का इलाज करेंगे। इनमें पूर्वी बिहार कोसी सीमांचल के तीन सरकारी बैन की मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं छात्र शामिल है जो इस क्षेत्र के अच्छा जिलों के सदर अस्पताल या फिर चिकित्सा संस्थानों में मरीजों का इलाज करेंगे।
इस आदेश के मुताबिक पीजी सेकंड ईयर के छात्र सरकारी अस्पतालों में 3 माह के लिए तैनात होंगे और पीजी स्टूडेंटों की तैनाती रोटेशन के अनुसार ही सरकार अस्पताल में की जाएगी। इसको लेकर सरकार के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार ने बिहार के सभी कमिश्नर, डीएम, सिविल सर्जन, राजकीय व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षक, बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है।
इस पत्र में कहा गया है कि एनएमसी के अधिक्रमण में शाषी बोर्ड द्वारा जारी स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा (संशोधन) विनियमावली 2020 के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लागू जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम को राज्य के सभी सरकारी एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं डीम्ड विश्वविद्यालयों में लागू किया गया है। इसके मद्देनजर बिहार के ऐसे सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय, जहां पीजी की पढ़ाई हो रही है, के पीजी छात्रों को बिहार के 19 जिले के सदर अस्पताल/चिकित्सा संस्थानों में जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम से संबद्ध किया जाता है।
आपको बताते चलें कि, पटना मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज पटना, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना, डीएमसीएच लहेरियासराय दरभंगा, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, जेएलएनएमसीएच भागलपुर, एएनएमएमसीएच गया, बीएमआईआईएमएस नालंदा, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय बेतिया, माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज किशनगंज, कटिहार मेडिकल कॉलेज कटिहार, नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल रोहतास के स्टूडेंट को जिला अस्पताल में इलाज करने की जिम्मेदारी दी गई है।