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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 May 2023 07:10:47 AM IST
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PATNA : क्या बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को जेल जाने का डर सता रहा है. शुक्रवार को खुद तेजस्वी यादव के बयान से यही डर झलका. तेजस्वी ने कहा कि लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई और ईडी उन्हें फंसा सकती है. इस केस में एक और चार्जशीट दायर कर उन्हें फंसाया जा सकता है. चर्चा ये है कि तेजस्वी यादव को सीबीआई और ईडी की कार्रवाई का अंदाजा हो गया है. दरअसल दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का आलीशान बंगला तेजस्वी के लिए मुसीबत बन गया है. आरोप लगा है कि तेजस्वी यादव सिर्फ चार लाख रूपये खर्च कर डेढ सौ करोड़ की इस आलीशान कोठी के मालिक बन गये.
बता दें कि लैंड फॉर जॉब घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप ये है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते बिना किसी परीक्षा औऱ इंटरव्यू के रेलवे में नौकरियां बांटी. बड़े पैमाने पर वैसे लोगों को नौकरी दी गयी, जिन्होंने लालू परिवार के नाम पर अपनी कीमती जमीन रजिस्ट्री कर दी थी. सीबीआई के मुताबिक रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. फिर भी जो पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में नौकरी दे दिया गया था. सीबीआई के मुताबिक जिन्हें नौकरी दी गयी उनके जरिये लालू परिवार ने पटना में 1,05,292 वर्ग फीट जमीन अपने नाम रजिस्ट्री करायी. सीबीआई इस मामले में पहले ही लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर चुकी है.
तेजस्वी को डर
शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने खुद कहा कि लैंड फॉर जॉब यानि जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में उनका नाम भी चार्जशीट में जोड़ा जा सकता है. दरअसल सीबीआई कोर्ट को ये कह चुकी है कि इस मामले में वह सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने वाली है. यानि कुछ और लोगों के खिलाफ चार्जशीट करने वाली है. तेजस्वी यादव ने कहा कि सीबीआई औऱ ईडी लगातार उनके परिवार और पार्टी के सदस्यों के यहां छापेमारी कर रही है. ईडी औऱ सीबीआई को तो ये भी पता नहीं कि कितने दफे हमारे घर पर छापेमारी की और पूछताछ की. तेजस्वी ने कहा कि अब तक तो इस मामले की चार्जशीट में मेरा नाम नहीं है लेकिन सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मेरा नाम जोड़ दिया जाये तो हैरानी की बात नहीं होगी.
तेजस्वी ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव परिणाम के बाद भाजपा डर गयी है. इसलिए ताबडतोड़ छापेमारी की जा रही है. वैसे ये सब तो तभी शुरू हो गया था जब बिहार में भाजपा सरकार से बाहर हो गयी थी. हम तो उसी समय से बोल रहे हैं. सीबीआई और ईडी की कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं है. वैसे हमने कई छापे और कई एजेंसियों को झेला है.
डेढ़ सौ करोड़ के बंगले ने फंसाया?
दरअसल तेजस्वी यादव दिल्ली में अपने डेढ़ सौ करोड़ के बंगले के कारण मुसीबत में फंसे हैं. सीबीआई और ईडी कह रही है कि तेजस्वी यादव कागज पर सिर्फ चार लाख रूपये खर्च कर इस आलीशान बंगले के मालिक बन गये. जबकि हकीकत ये है कि इसके लिए ब्लैकमनी का खेल खेला गया. दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का यही बंगला तेजस्वी यादव के लिए सबसे ज्यादा परेशानी का सबब बना है.
उधर बीजेपी सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव सिर्फ यह बता दें कि वे दिल्ली की न्यू फेंड्स कालोनी स्थित 150 करोड़ रुपये के आलीशान मकान के मालिक कैसे बन गए? तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर इधर उधर की बात करने के बजाय ये बतायें कि रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने पटना शहर में अपनी 70 लाख रुपये की कीमती जमीन लालू प्रसाद की पांचवी बेटी हेमा यादव को दान में क्यों दे दी?
सुशील मोदी ने कहा कि ललन सिंह और स्वर्गीय शरद यादव ने "नौकरी के बदले जमीन" मामले की जाँच के लिए ईडी और सीबीआइ को ठोस सबूत उपलब्ध कराया थे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने लालू परिवार के भ्रष्टाचार के ठोस सबूत सीबीआई और ईडी को उपलब्ध कराये, वे ही आज उनके सहयोग से राज कर रहे हैं.