PATNA: विपक्षी एकता की बैठक के आज पटना में अलग अलग किस्म के नजारे भी दिखे. सियासी गलियारे में उसकी खूब चर्चा भी हो रही है. चर्चा टीका वाले मंत्री जी की भी खूब हो रही है. मंत्री जी की पार्टी अलग है, लेकिन वे एयरपोर्ट पर राहुल गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेसियों से भी ज्यादा बेचैन दिखे. चादर, माला, बुके सब बेकार हो गया. राहुल गांधी ने मंत्री जी का नोटिस ही नहीं लिया.
एयरपोर्ट का दिलचस्प नजारा
विपक्षी एकता की बैठक में भाग लेने आये राहुल गांधी, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल के साथ सुबह के लगभग सवा दस बजे पटना एयरपोर्ट पर उतरे. उनके चार्टर प्लेन को स्टेट हैंगर के पास लाया गया. वहां रनवे पर ही स्वागत के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मौजूद थे. कांग्रेस के नेताओं की भी भीड़ थी और उसी बीच में टीका वाले मंत्री जी ऐसे बेचैन दिखे कि कांग्रेसी नेता भी हैरान रह गये.
एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक राहुल गांधी जब प्लेन से नीचे उतरे तो नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया. कांग्रेस के कई नेताओं के वहां पहुंचने के कारण धक्का मुक्की का माहौल बन रहा था. नीतीश कुमार राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का स्वागत करने के बाद वहां से हट गये. अब बारी आयी कांग्रेसी नेताओं की. जो राहुल गांधी को अपना चेहरा दिखाने से लेकर उन्हें बुके और शॉल देने के लिए बेकरार थे. लेकिन दूसरी पार्टी से आने वाले मंत्री जी बेचैनी देखने लायक थी.
राहुल गांधी ने नहीं लिया नोटिस
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टीका वाले मंत्री जी हाथों में शॉल लेकर राहुल गांधी के स्वागत का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही नीतीश कुमार वहां से हटे, मंत्री जी भीड़ को चीरते हुए राहुल गांधी के पास पहुंच गये. उन्होंने राहुल गांधी को शॉल ओढा कर स्वागत करने की कोशिश की. लेकिन उन्हें जोरदार झटका लगा, राहुल गांधी ने उन्हें शॉल ओढ़ाने से रोक दिया. राहुल गांधी के साथ चल रहे बॉडीगार्ड्स ने वह शॉल ले लिया.
लगा कि कांग्रेसी नेता से माला भी छीन लेंगे
इसके बाद इससे भी बड़ा कांड हो गया. कांग्रेस का एक नेता फूलों की माला लेकर राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए वहां मौजूद थे. मंत्री जी ने उसके माला को पकड़ लिया. लगा कि वह कांग्रेसी नेता से माला छीनकर खुद राहुल गांधी को पहनाना चाह रहे हैं. लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली तो कांग्रेसी नेता के माला को एक ओर से खुद भी पकड़ लिया. अब कांग्रेसी नेता के साथ साथ मंत्री जी भी माला पकड़ कर राहुल गांधी को पहनाने गये, राहुल ने माला पहनने से भी इंकार कर दिया.
वैसे शायद मंत्री जी को ये भी उम्मीद थी कि लंबे अर्से से जान पहचान रहने के कारण राहुल उनका हालचाल पूछेंगे. लेकिन राहुल गांधी ने उनकी ओर देखा तक नहीं. मंत्री जी की चादर नहीं ओढ़ने वाले राहुल गांधी को उसी वक्त किसी कांग्रेसी नेता ने गमछा ओढ़ाया. राहुल ने उसे स्वीकार कर लिया.
मंत्री जी की बेचैनी यहीं नहीं खत्म हो गयी. उन्हें याद आया कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का तो स्वागत किया ही नहीं. तेज रफ्तार से मंत्री जी भीड़ से निकल कर पीछे आये. वहां उनका एक आदमी बुके लेकर खड़ा था. मंत्री जी ने उसके हाथों से बुके लिया और तुरंत मल्लिकार्जुन खरगे के पास पहुंचे. राहत की बात ये रही कि खरगे ने उनका बुके स्वीकार कर लिया. लेकिन हाल चाल तो मल्लिकार्जुन खरगे ने भी नहीं पूछा.
क्यों बेचैन हैं मंत्री जी
सवाल उठ रहा है कि टीका वाले मंत्री जी इतनी बेचैनी क्यों दिखा रहे हैं. दरअसल नीतीश कुमार जब विपक्षी एकता की मुहिम की शुरूआत कर रहे थे तो दिल्ली में राहुल गांधी से भी मिलने गये थे. मंत्री जी भी नीतीश कुमार के साथ राहुल गांधी के आवास पर गये थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने उसी वक्त बताया था कि उस दौरान भी राहुल गांधी ने मंत्री जी की तरफ देखा तक नहीं था. दरअसल राहुल गांधी मंत्री जी से भारी चोट खाये हुए हैं. मंत्री जी को लग रहा है कि जब नीतीश, लालू और कांग्रेस मिल गये हैं तो फिर राहुल गांधी भी उस चोट को भूल गये होंगे. लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है.