PATNA: एक दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा कई बार पार्टी छोड़ कर गये हैं और अब भी उन्हें कहीं भी जाने का अधिकार है. रविवार को उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली से पटना वापस लौटे तो नीतीश कुमार के बयान पर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जतायी. कुशवाहा ने नीतीश कुमार और जेडीयू के दूसरे बड़े नेताओं पर बीजेपी के संपर्क में होने का आरोप लगा दिया. कुशवाहा के कड़े तेवर के बाद जेडीयू के हौंसले पस्त हो गये हैं. जेडीयू ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा का पार्टी छोड़ कर जाने का कोई सवाल ही नहीं है।
रविवार को उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने बयान जारी किया है. नीरज कुमार ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं लेकिन उनका इस पार्टी के साथ लंबा सफर रहा है. पार्टी में उन्होंने विधायक से लेकर राज्यसभा सांसद तक का सफर तय किया है. उन्होंने प्रधान महासचिव से लेकर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का सफर तय किया है।
नीरज कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में इस बार शामिल हुए थे तो जेडीयू को नंबर वन की पार्टी बनाने का संकल्प लिया है. उन पर सवाल उठाना बेतुका है. वे भाजपा और आरएसएस के साथ कैसे चले जायेंगे. भाजपा और आरएसएस ने तो सम्राट अशोक को अपमानित करने की कोशिश की थी. उसके खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा ने मोर्चा खोला था. कुशवाहा जी सम्राट अशोक को अपमानित करने वालों के साथ जा ही नहीं सकते।
जेडीयू का यू टर्न
सवाल ये है कि क्या जेडीयू को उपेंद्र कुशवाहा के जाने से होने वाले नुकसान का अंदाजा हो गया है? तभी पार्टी ने यू टर्न मारा है. एक दिन पहले तो नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा को कहीं भी जाने का अधिकार है. नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा था- उपेंद्र कुशवाहा से कह दीजिए की हमसे बतिया लीजिए. वो दो तीन बार छोड़कर गए हैं और फिर खुद ही वापस आए. उनकी क्या इच्छा है, हमें नहीं मालूम, अभी उनकी तबीयत खराब है, हालचाल ले लेंगे. इसके साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि वैसे सबको अपना-अपना अधिकार है।
नीतीश के इसी बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने आज ही पटना लौटे उपेंद्र कुशवाहा ने गहरी नाराजगी जतायी थी पत्रकारों से बात करते हुए कुशवाहा ने कहा था-मेरी पार्टी का जो जितना बड़ा नेता है वह उतना ही ज्यादा बीजेपी के संपर्क में है. हमारी पार्टी जेडीयू कमजोर हो रही है और मैं उसे ठीक करने की कोशिश कर रहा हूं. इसलिए ही अफवाह फैलायी गयी. कुशवाहा ने कहा था कि जेडीयू को तुरंत इलाज की जरूरत है।
नीतीश भी बीजेपी के संपर्क में
पटना पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा ने कहा-मैं दिंल्ली में अपना इलाज करा रहा था और बिहार में मेरा पोस्टमार्टम किया जा रहा था. मैं दिल्ली में अस्पताल में भर्ती था और बीजेपी के कुछ नेता मुझसे मिलने आ गये तो जुल्म हो गया. बात का बतंगड़ बना दिया गया. मेरी पार्टी जेडीयू में जो जितना बड़ा नेता है वह उतना ही ज्यादा बीजेपी के संपर्क में है. उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश का नाम तो नहीं लिया लेकिन जेडीयू में उनसे बड़े पद पर सिर्फ नीतीश कुमार और ललन सिंह ही हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मेरे बारे में जो बातें फैलायी जा रही हैं उनका कोई मतलब नहीं है. मेरे व्यक्तिगत संबंध कई लोगों से है. कोई अस्पताल में मुझसे मिलने आये तो क्या उसका राजनीतिक अर्थ निकाल लिया जाना चाहिये. कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये तो चिकित्सा विज्ञान की नवीनतम तकनीक है कि मैं जिंदा अस्पताल में भर्ती था और मेरा पोस्टमार्टम पटना में किया जा रहा था।
नीतीश को दिखाया आइना
उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश को आइना भी दिखाया. दरअसल नीतीश ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा पहले भी दो-तीन दफे पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं. कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी ही दो-तीन दफे भाजपा के संपर्क में गयी और फिर अलग हुई. पूरी पार्टी जब चाहे तब मिल जाये औऱ फिर जुदा हो जाये. हम कहीं चले गये तो मेरे बारे में ऐसे चर्चा करना उचित है क्या।
पत्रकारों ने पूछा कि नीतीश कह रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा जो चाहे वो फैसला ले ले. कुशवाहा ने कहा-मैं किस बात का फैसला लूंगा. मेरे अलावा कौन दूसरा ये तय करेगा कि मैं कहा रहूंगा औऱ कहां जाऊंगा. जो ये पूछ रहे हैं कि मैं फैसला लूंगा उन्हें ये तय करने का अधिकार नहीं है. मैं जेडीयू में हूं और जेडीयू को ठीक करूंगा।
हमारी चिंता का विषय है कि जेडीयू लगातार कमजोर हो रही है. मैं उसकी मजबूती के लिए लगातार प्रयास कर रहा हूं. मेरी कोशिश जारी रहेगी. पार्टी की कमजोरी के खिलाफ मजबूती के लिए कोई व्यक्ति अगर बोल रहा है तो इसका अर्थ का अनर्थ निकाला जा रहा है. कुशवाहा ने कहा कि मेरी पार्टी के जो भी नेता हैं, उनमें से अधिकांश लोगों से पूछ लीजिये. सबसे व्यक्तिगत रूप से बात कर लीजिये. सब बोलेंगे. ये अलग बात है कि मीडिया के सामने नहीं बोलेंगे।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू बीमार हो गयी है. इसे स्वीकारना होगा. जब पार्टी स्वीकारेगी कि वह बीमार है तभी तो इलाज होगा. अगर इसे स्वीकार ही नहीं करेंगे तो इलाज कैसे होगा. कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू का इलाज होगा औऱ 100 परसेंट होगा. कुशवाहा ने कहा कि उनकी आगे की रणनीति है कि पार्टी की मजबूती के लिए काम करना और उसमें लगे रहेंगे।