विपक्षी दलों के आगमन से पहले CM नीतीश ने बुलाई महागठबंधन की बैठक, रणनीति से लेकर थीम सबकुछ हो गया तय

1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Fri, 02 Jun 2023 01:11:49 PM IST

विपक्षी दलों के आगमन से पहले CM नीतीश ने बुलाई महागठबंधन की बैठक, रणनीति से लेकर थीम सबकुछ हो गया तय

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PATNA : बिहार की राजधानी पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की बैठक है। इस बैठक में भाजपा विरोधी सभी दल शामिल हो रहे हैं और आगामी लोकसभा चुनाव किस तरह से लड़ा जाए उसकी रणनीति भी तय करने वाले हैं।वहीं, इससे पहले आज इस बैठक की अगुआई कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य की  सत्तारूढ़ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए।


दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सीएम हॉउस में महागठबंधन में शामिल सभी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में जेडीयू  के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए। इस दौरान 12 जून को होने वाली विपक्षी दलों के बैठक की तैयारी के साथ ही साथ थीम समेत कई चीज़ों की समीक्षा की गई। इस दौरान नीतीश कुमार से यह भी तय किया है कि इस मीटिंग में उनकी क्या रणनीति होने वाली है।  इसको लेकर भी बातचीत कर सबकुछ तय कर लिया गया है।


वहीं, नीतीश कुमार के इस मीटिंग में शामिल हुए मंत्री संजय झा ने कहा कि यह बिहार के लिए काफी ऐतिहासिक दिन होने वाला है। यह बिहार के लिए सौभाग्य है कि इसमें पुरे देश के प्रमुख नेता शामिल होंगे। आज की यह मीटिंग इस आयोजन के सफलता को लेकर की गयी है। इस बैठक को लेकर हर तरह की तैयारी पूरी है। अब बस तारीख का इंतजार किया जा रहा है। इस बार देश को भाजपा फ्री बनाना है और हमलोग इसमें पूरी तरह से सफल होंगे।  


मालूम हो कि, सीएम नीतीश जिस तरह से 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं, उसमें ये बैठक अहम मानी जा रही है। पटना में 12 जून को ये बैठक है, जिसमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई दिग्गजों के शामिल होने की चर्चा है। हालांकि , कांग्रेस के तरफ से फिलहाल कोई नाम नहीं तय किया गया है। 


इधर, बीजेपी ने भी विपक्षी दलों की इस बैठक से अलग अपनी रणनीतिक तैयारी तेज कर दी है। विपक्षी दलों की इस बैठक के बाद पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ कई बड़े नेता शामिल होंगे।  इस लिहाजा जून का ये महीना बिहार की राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। बहरहाल, अब देखना यह है कि विपक्षी दलों की मीटिंग के बाद क्या कुछ निकल कर सामने आता है और उसका भाजपा किस अंदाज में जवाब देती है।