ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका

Bihar Politics: JDU के छपास रोगी 'नेताजी' की गणेश परिक्रमा...बोर्ड-निगम के अध्यक्ष बनेंगे या मिलेगा टिकट ? कभी...लालू यादव के पीछे भी ऐसे ही खड़े होकर तस्वीर खिंचवाते थे

Bihar Politics जनता दल(यू) में एक छपास रोगी नेता हैं. इनसे दल के लोग भी परेशान हैं.नेताजी की राजनीति का मकसद एक ही है..अखबार-मीडिया में छप जाना. तमाम राजकीय समारोह में ये छपास रोगी नेताजी बिना खोजे ही दिख जाएंगे.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 01 Jan 2025 02:07:16 PM IST

Bihar Politics,jdu politics, patna news, nitish kumar

नेता का कार्टून - फ़ोटो Google

Bihar Politics: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के एक नेता हैं, जिनकी एक मात्र पहचान छपास से है. पूर्व की सरकार में भी यही काम था, वर्तमान में भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं. जहां देखिए वहां गुलदस्ता लिए खड़े मिल जाएंगे, राजकीय समारोह जहां सरकार के जाने का कार्यक्रम हो, वहां तो हर हाल में दिखेंगे. इसके बाद मीडिया में छप जाएंगे. दरअसल, इस गणेश परिक्रमा के पीछे बड़ा खेल है.पहला तो यह कि सरकार और पार्टी के मुखिया के संज्ञान में रहेंगे, ताकि बोर्ड-निगम में कोई बड़ा पद मिल जाय. वैसे, इस बार विधानसभा का टिकट के लिए भी बेकरार हैं. दूसरा बड़ा लाभ यह कि सरकार के पीछे तस्वीर आ जाएगी तो वैल्यू बना रहेगा. वो तस्वीर मीडिया में छप जाएगी तो मार्केट में पकड़ बनी रहेगी, जिससे धंधा बरकरार रहेगा. बताया जाता है कि मुखिया के पीछे तस्वीर छपते रहेगी तो राजधानी वाला कारोबार भी फलता-फूलता रहेगा. 

जेडीयू के छपास रोगी नेता से दल के लोग भी परेशान 

हम बात कर रहे हैं, जेडीयू के एक छपास रोगी नेता की. ये पार्टी संगठन में पदधारक( G.S.) भी हैं. लेकिन मुख्य काम चेहरा चमकाना है. चेहरा चमका कर कुछ पा लेने का मिशन है. इस छपास रोगी नेताजी से दल के लोग भी परेशान हैं. परेशान हों भी क्यों नहीं...इनका एक मात्र उद्देश्य छपना है. जिससे दल के दूसरे नेता भी चिढ़े रहते हैं. पार्टी के नेता अपने इस छपास रोगी नेता को अनेक उपनाम से संबोधित करते हैं. कोई छपास रोगी, तो कोई कुछ और कहता है. 

छपास रोगी नेता का मिशन गुलदस्ता 

खैर, इस चर्चा से आगे बढ़ते हैं. साल के पहले दिन छपास रोगी नेताजी पार्टी के मुखिया को गुलदस्ता देने को बेकरार दिखे. हालांकि एक बड़े नेता के सहयोग से मुखिया को गुलदस्ता देने में कामयाब हो गए। मिशन जैसे ही कामयाब हुआ, आनन-फानन में वो तस्वीर मीडिया में शेयर की गई, ताकि प्रचारित हो सके, हमने नए साल पर अपने नेता को गुलदस्ता देकर बधाई दे दिया. इसके बाद छपास रोगी नेताजी सुप्रीमो के गांव पहुंच गए. वहां की तस्वीरों में भी छपास रोगी दिखे. 

बोर्ड-निगम के अध्यक्ष बनेंगे या मिलेगा टिकट ?

जानकार बताते हैं कि, छपास रोगी नेताजी काफी समय से बोर्ड-निगम में पद पाने को बेकरार हैं. हालांकि छपास रोगी नेता जी की डिमांड बढ़ते ही जा रही है. पहले बोर्ड-निगम में महत्वपूर्ण पद मिलने की लालसा पाल रखी थी. अब भोजपुर के एक विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट मांग रहे हैं. हालांकि जिस सीट से दावेदारी कर रहे, वो भाजपा के खाते में है. छपास रोगी नेताजी बोर्ड-निगम में महत्वपूर्ण पद या विस का टिकट के लिए दिन-रात मिहनत कर रहे, हर जगह गुलदस्ता लेकर खड़ा दिख रहे हैं. हर वो काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें लगता है पार्टी के मुखिया की कृपा बरसेगी.  वैसे बता दें, छपास रोगी नेताजी बोर्ड-निगम में महत्वपूर्ण पद और विधायकी का टिकट का भी डिमांड कर चुके हैं. हालांकि डिमांड खारिज हो चुकी है.

तब लालू यादव के पीछे ऐसे ही खड़े होकर तस्वीर खींचवाते थे छपास रोगी नेताजी 

बता दें, छपास रोगी नेताजी, जो हर कार्यक्रम में तस्वीर खिंचाने-छपवाने को बेकरार रहते थे, पूर्व की सरकार(लालू-राबड़ी) में भी ऐसे ही पोज में रहते थे. तस्वीर छपवाकर खूब टीआरपी बटोरी थी. सत्ता जाने के बाद पलटी मारी, अब वर्तमान सरकार के मुखिया के पीछे खड़े होकर, या गुलदस्ता देते तस्वीर खिंचवा कर अपनी राजनैतिक दुकान चमकाने में लगे हैं. अब देखना होगा कि छपास रोगी नेताजी बोर्ड-निगम का अध्यक्ष बन पाते हैं या नहीं ? टिकट की आस पूरी हो पाती है या नहीं ?