Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 08 Jan 2025 04:34:32 PM IST
PK की खुली पोल - फ़ोटो GOOGLE
PATNA: दो दिन पहले यानि 6 जनवरी को पटना पुलिस ने जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बाद में प्रशांत किशोर को कोर्ट में पेश किया था और पटना की जिला अदालत में प्रशांत किशोर औऱ उनके समर्थकों का दिन भर ड्रामा चलता रहा. बार-बार ये कहा जाता रहा कि कोर्ट ने प्रशांत किशोर को शर्त के साथ जमानत दिया था, जिसे PK ने ठुकरा दिया. बाद में कोर्ट ने अपनी शर्त वापस लिया और तब प्रशांत किशोर बेल लेने के लिए तैयार हुए. लेकिन, असली मामला कुछ और था, जो अब सामने आया है.
कोर्ट के रिकार्ड से प्रशांत किशोर की पोल खुली
प्रशांत किशोर के मामले में 6 जनवरी को पटना की एसडीजेएम कोर्ट में क्या हुआ था, इसका रिकार्ड सामने आ गया है. ये रिकार्ड बता रहा है कि प्रशांत किशोर और उनके समर्थन बेल नहीं लेने और जेल जाने का दिन भर गलत ड्रामा करते रहे. कोर्ट में ऐसा कुछ नहीं हुआ था, जिससे प्रशांत किशोर को जेल जाने की नौबत आती. कोर्ट ने ऐसा कुछ कहा भी नहीं था, जिसे प्रशांत किशोर औऱ उनके समर्थक मीडिया में मुद्दा बनाकर पेश कर रहे थे.
जानिये क्या हुआ कोर्ट रूम में?
फर्स्ट बिहार के पास पटना के एसडीएम कोर्ट का पूरा रिकार्ड है, जिसमें प्रशांत किशोर को पेश करने से लेकर उन्हें रिहा करने तक की प्रोसिडिंग दर्ज है. कोर्ट के रिकार्ड के मुताबिक पटना पुलिस ने 6 जनवरी को अरेस्ट मेमो, मेडिकल रिपोर्ट और केस डायरी के साथ प्रशांत किशोर को पेश किया.
प्रशांत किशोर की कोर्ट में पेशी के दौरान उनकी ओऱ से वकील शिवानंद गिरी और वरीय अधिवक्ता वाई.वी. गिरी कोर्ट में जमानत याचिका लेकर हाजिर हुए. दोनों वकीलों ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल प्रशांत किशोर को गलत केस में गिरफ्तार किया गया है. प्रशांत किशोर ने कोई हिंसा नहीं की है. वे शांतिपूर्ण तरीके से गांधी मैदान में धरना पर बैठे थे. PK के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल ने कोई अपराध नहीं किया है और सरकार ने गलत नियत से उन्हें केस में फंसाया है. इसलिए प्रशांत किशोर को तत्काल बेल दिया जाना चाहिये.
पुलिस ने भी नहीं किया जमानत का विरोध
सिर्फ प्रशांत किशोर के ही वकीलों ने नहीं बल्कि पुलिस की ओर से पेश हुए वकील ने भी कोर्ट में कहा कि जमानत दिया जाना चाहिये. पुलिस के वकील ने कहा कि जमानत में कुछ शर्तें लगायी जानी चाहिये क्योंकि प्रशांत किशोर फिर से गैरकानूनी हरकत कर सकते हैं.
गिरफ्तारी से कोर्ट खुद हैरान हुआ
प्रशांत किशोर की कोर्ट में पेशी और वकीलों के जिरह के बाद मजिस्ट्रेट ने जो टिप्पणी की है, वह दिलचस्प है. कोर्ट ने वकीलों की जिरह सुनने और पुलिस की ओर से पेश किये केस डायरी को देखने के बाद तल्ख टिप्पणी की. पटना की एसडीजेएम ने अपने आर्डर में लिखा है-“ अभियुक्त (प्रशांत किशोर) को पुलिस कस्टडी से कोर्ट में पेश किया गया है. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191(2), 191(3), 190 और 223 के तहत मामला दर्ज किया गया है. ये सभी धारायें जमानतीय है. ये घोर आश्चर्य का मामला है कि पुलिस ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी है कि ऐसी कौन सी परिस्थिति थी, जिसके कारण जमानतीय मामले में गिरफ्तार किये गए प्रशांत किशोर को कोर्ट में पेश किया गया. इन तथ्यों को देखते हुए अभियुक्त प्रशांत किशोर को 25 हजार रूपये के निजी मुचलके पर रिहा करने किया जाता है.” पटना की एसडीजेएम कोर्ट ने प्रशांत किशोर को रिहा करने का आदेश देने के साथ ही इस मामले को पटना के एसएसपी के पास भी भेजने का निर्देश दिया है. ताकि वे जरूरी कार्रवाई कर सकें.
फिर क्यों हुआ ड्रामा?
कोर्ट के पूरे रिकार्ड से ये स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर को बिना किसी शर्त के रिहा करने का आदेश दिया गया. कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था, जिसमें प्रशांत किशोर को ये बांड भरने को कहा जा रहा था कि वे भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे. कोर्ट ने पुलिस के ही रवैये पर सवाल उठाया.
लेकिन प्रशांत किशोर औऱ उनकी टीम 6 जनवरी को पूरे दिन ये ड्रामा करते रहे कि कोर्ट ने उन्हें इस शर्त के साथ जमानत दिया है कि वे बांड भर कर दें कि फिर से ऐसी गलती नहीं करेंगे. कोर्ट के आर्डर में इसका कोई जिक्र नहीं है. 6 जनवरी को प्रशांत किशोर की ओर से ये भी जानकारी दी गयी कि वे बेऊर जेल जा रहे हैं. जबकि कोर्ट में पुलिस के वकील ने भी प्रशांत किशोर को जमानत देने की बात कही थी. कोर्ट के रिकार्ड में कहीं उन्हें जेल भेजने का कोई जिक्र नहीं है.
ब्यूरों रिपोर्ट, फर्स्ट बिहार/झारखंड, पटना