ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? बिहार के इस रूट पर पहली बार चली ट्रेन, आज़ादी के बाद रचा गया इतिहास BIHAR: बारात जा रहे बाइक सवार को हाइवा ने रौंदा, दो युवकों की दर्दनाक मौत, घर में मातम का माहौल Bihar News: बिहार की इस नदी पर 200 करोड़ की लगत से बनेगा पुल, इंजीनियरों की टीम ने किया सर्वे

आचार्य चाणक्य की नीतियां, बच्चों के पालन-पोषण के महत्वपूर्ण सिद्धांत

आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतियां आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक हैं, ने बच्चों के पालन-पोषण के संबंध में महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए हैं। उनका मानना था कि बच्चों का भविष्य उनके माता-पिता के व्यवहार पर निर्भर करता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Feb 2025 06:38:02 AM IST

आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य - फ़ोटो आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतिशास्त्र आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक है, ने बच्चों के पालन-पोषण पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका मानना था कि माता-पिता का व्यवहार बच्चों के जीवन और उनके भविष्य पर गहरा असर डालता है। चाणक्य जी के अनुसार, बच्चों के संस्कार और भविष्य की दिशा तय करने में माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।


माता-पिता के व्यवहार का प्रभाव

चाणक्य जी का मानना था कि माता-पिता को अपने बच्चों के सामने कभी भी क्रोध और अहंकार जैसी नकारात्मक भावनाओं को व्यक्त नहीं करना चाहिए। क्योंकि बच्चों के मन में यही भावनाएं समाहित हो सकती हैं और उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन सकती हैं। यदि माता-पिता खुद क्रोध, गुस्सा और अहंकार का प्रदर्शन करते हैं, तो बच्चे भी उन्हीं आदतों को सीख सकते हैं, जो उनके लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।


अपमान और झगड़े से बचें

आचार्य चाणक्य के अनुसार, माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी किसी दूसरे का अपमान या झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों के मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं और उनका मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। इसके साथ ही, बच्चों के सामने किसी भी तरह का विवाद न करना भी आवश्यक है, क्योंकि बच्चों पर इससे नकारात्मक असर पड़ता है।


झूठ बोलने से बचें

चाणक्य जी यह भी सलाह देते हैं कि माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। जब माता-पिता झूठ बोलते हैं, तो बच्चे इसे सामान्य मानकर अपने जीवन में भी झूठ बोलने की आदत बना सकते हैं। यह आदत भविष्य में उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इसलिए, माता-पिता को अपनी इस आदत को सुधारने की सलाह दी जाती है, ताकि बच्चे झूठ बोलने से दूर रहें।


दिखावा न करें

आचार्य चाणक्य के अनुसार, माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी किसी चीज का दिखावा नहीं करना चाहिए। दिखावा करने से बच्चों को यह सीखने को मिल सकता है कि बाहरी आडंबर ही महत्वपूर्ण है, जबकि जीवन में असली मूल्य और संस्कार ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए माता-पिता को अपनी आदतों पर ध्यान रखना चाहिए और उन्हें उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

आचार्य चाणक्य के इन सिद्धांतों से यह स्पष्ट है कि बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यदि माता-पिता अपने व्यवहार में सुधार लाते हैं और अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देते हैं, तो उनका भविष्य उज्जवल बन सकता है। बच्चों के सामने सकारात्मक भावनाओं और आदतों का प्रदर्शन करना उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक होता है।