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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 30 Jun 2025 03:31:50 PM IST
अमरनाथ यात्रा 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए खुशखबरी है! साल 2025 की पवित्र अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से शुरू हो रही है। देशभर से लाखों श्रद्धालु हर साल हिमालय की कठिन चोटियों को पार करते हुए बाबा बर्फानी के दिव्य दर्शनों के लिए इस यात्रा पर निकलते हैं। अगर आप भी इस बार यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह बेहद जरूरी है कि आप यात्रा से पहले जरूरी नियम, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइंस को अच्छे से समझ लें।
दरअसल, अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए ऑनलाइन या अधिकृत बैंक शाखाओं के जरिए पूर्व रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के दौरान पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड) और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (Compulsory Health Certificate - CHC) जमा करना होता है। बता दें कि यात्रा में 13 साल से कम और 75 साल से अधिक आयु के लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती, वहीं गर्भवती महिलाओं को भी यात्रा की इजाजत नहीं होती।
अमरनाथ यात्रा तकरीबन 13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर होती है, जहां ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से काफी कम होता है। ऐसे में अच्छे स्वास्थ्य की पुष्टि जरूरी है। डॉक्टर से फुल बॉडी चेकअप कराएं, खासकर अगर आपको दिल, सांस, ब्लड प्रेशर या हड्डियों से संबंधित कोई समस्या है। यात्रा से एक महीने पहले से ही रोजाना 4-5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस शुरू कर दें और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्राणायाम या अनुलोम-विलोम करें।
अमरनाथ यात्रा के दौरान मौसम कभी भी बदल सकता है। इसलिए थर्मल कपड़े, स्वेटर, जैकेट, और रेनकोट जरूर रखें। वाटरप्रूफ ट्रेकिंग शूज़ पहनें क्योंकि चप्पल या सैंडल से फिसलने का खतरा रहता है। इसके अलावा टॉर्च, पावर बैंक, फर्स्ट एड किट, ग्लूकोज़, स्नैक्स, सनस्क्रीन और पहचान से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को भी बैग में रखें। कम सामान ले जाना बेहतर होता है ताकि ट्रेकिंग के दौरान बोझ न बढ़े।
अमरनाथ जाने के दो मुख्य रास्ते हैं पहलगाम और बालटाल। पहलगाम रूट (लगभग 36–48 किमी) थोड़ा लंबा जरूर है, लेकिन अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक है। इसमें यात्रा पूरी करने में 3–4 दिन लग सकते हैं। वहीं, बालटाल रूट (लगभग 14 किमी) उन यात्रियों के लिए है जो फिटनेस में अच्छे हैं और ट्रेकिंग का अनुभव रखते हैं। यह रास्ता सीधा लेकिन कठिन और जोखिम भरा होता है। इसे आमतौर पर 1–2 दिन में पूरा किया जा सकता है।
बता दें कि अगर आप इस कठिन ट्रेक पर जल्दबाजी करने से बचें। धीरे-धीरे चलें ताकि शरीर को ऊँचाई के साथ सामंजस्य बैठाने का समय मिल सके। खुद को हाइड्रेटेड रखें, लेकिन बहुत ज्यादा पानी भी न पिएं ताकि शारीरिक संतुलन बना रहे। अकेले यात्रा न करें, हमेशा किसी ग्रुप या अपने साथियों के साथ रहें। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह लंगर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, वाई-फाई सुविधा और सुरक्षा टीम की तैनाती रहती है, फिर भी सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।
महत्वपूर्ण सुरक्षा सुझाव और अतिरिक्त जानकारी
यात्रा के दौरान सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। घोड़े या पालकी का उपयोग करते समय प्रमाणित सेवाप्रदाताओं से ही संपर्क करें। मौसम की जानकारी अपडेटेड रखें। यात्रा के दौरान बारिश, बर्फबारी या भूस्खलन की संभावना बनी रहती है। किसी भी आपात स्थिति में 112 (राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर) या यात्रा हेल्पलाइन से संपर्क करें।
अमरनाथ यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक धैर्य की भी परीक्षा है। सही तैयारी, स्वास्थ्य सतर्कता और नियमों का पालन करते हुए आप इस पवित्र यात्रा को सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से पूरा कर सकते हैं। हर महादेव!