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बाबा बागेश्वर को पटना में दरबार लगाने की इजाजत नहीं मिली, जानिए क्या है पूरा मामला?

यह आयोजन 'सनातन महाकुंभ' के तहत किया जा रहा था। जो कि धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। इस कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। श्रीराम कर्मभूमि न्यास की ओर से विशाल हनुमत कथा का आयोजन किया जा रहा था

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 28 Jun 2025 08:09:49 PM IST

बाबा बागेश्वर को पटना में दरबार लगाने की इजाजत नहीं मिली, जानिए क्या है पूरा मामला?

- फ़ोटो G

PATNA:बागेश्वर धाम सरकार के नाम से देशभर में विख्यात पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 6 जुलाई 2025 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में विशाल हनुमत कथा का वाचन करने वाले थे। लेकिन बाबा बागेश्वर को पटना में दरबार लगाने की इजाजत नहीं मिली। पटना जिला प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी।  


जिला नियंत्रण कक्ष को विभिन्न स्रोतों से यह जानकारी मिली कि 6 जुलाई को आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री बाबा बागेश्वर धाम सरकार का कार्यक्रम पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में होने का प्रचार किया जा रहा है। जिला नियंत्रण कक्ष द्वारा यह स्पष्ट किया जाता है कि भीड़ नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से ऐसे कार्यक्रम की कोई अनुमति अभी तक नहीं दी गई है।


यह आयोजन 'सनातन महाकुंभ' के तहत किया जा रहा था। जो कि धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। इस कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। श्रीराम कर्मभूमि न्यास की ओर से विशाल हनुमत कथा का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे इसके संरक्षक की भूमिका निभा रहे थे। आयोजन की भव्यता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि लोगों को आमंत्रित करने हेतु एक विशेष 'सनातन रथ' को बिहार के विभिन्न जिलों में रवाना किया गया है,जो जगह-जगह प्रचार करेगा और लोगों को आयोजन में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा।


बता दें कि इससे पूर्व मई 2025 में बाबा धीरेंद्र शास्त्री मुजफ्फरपुर आए थे, जहाँ उन्होंने एक विशाल यज्ञ में भाग लेकर कथा वाचन किया था। उनके पहले पटना के तरेत पाली मठ में सात दिवसीय यज्ञ का आयोजन हुआ था, जहाँ पांच दिनों तक उन्होंने कथा की थी। उस समय उमड़ी भीड़ ने आयोजनकर्ताओं को भी चौंका दिया था।


बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने अपने पिछले दौरे में कहा था कि भारत को "हिंदू राष्ट्र" बनाने की दिशा में बिहार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उनके इस बयान पर राजनीतिक हलकों में खासा विवाद भी हुआ था। उन्होंने अपने खास अंदाज में बिहार की जनता को "धर्म के लिए पागल" कहकर संबोधित किया था, जिसे उनके समर्थकों ने आस्था की दृष्टि से सराहा। बाबा के दौरे को देखते हुए पटना प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की विशेष तैयारी शुरू कर दी गई थी और यह उम्मीद जतायी जा रही थी कि इस बार भी लाखों श्रद्धालु गांधी मैदान में उमड़ेंगे। लेकिन पटना जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी।