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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 07 Mar 2025 06:25:20 AM IST
Dharm News - फ़ोटो Dharm News
Dharm News: भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह शुभ दिन सोमवार, 17 मार्च 2024 को पड़ रहा है। इस दिन भगवान गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने और भगवान गणेश की उपासना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सौभाग्य एवं समृद्धि का आगमन होता है।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन शुभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से साधकों को विशेष फल प्राप्त होता है। इस दिन गणेश जी के भक्त व्रत रखते हैं और रात के समय चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलते हैं।
शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 16 मार्च 2024, रात 11:35 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 17 मार्च 2024, रात 08:50 बजे
गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त: सुबह 07:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक
चंद्र दर्शन का समय: रात 08:30 बजे (स्थान के अनुसार समय भिन्न हो सकता है)
पूजा विधि
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान गणेश की मूर्ति को पीले वस्त्र पर विराजमान करें।
उन्हें रोली, अक्षत, दूर्वा, मोदक और पंचामृत अर्पित करें।
भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें (मंत्र नीचे दिए गए हैं)।
चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
गणेश जी के मंत्र
1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥
2. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
3. ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
4. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े, फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
इस भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन से संकटों का नाश करें।