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Budh Gochar 2025: बुध की बदली चाल, शनि के घर में होगा प्रवेश

सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र न केवल ब्रह्मांड की गति को समझने का एक अद्भुत माध्यम है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को संतुलित और समृद्ध बनाने का भी एक मार्गदर्शक है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 09 Feb 2025 06:00:57 AM IST

Budh Gochar 2025

Budh Gochar 2025 - फ़ोटो Budh Gochar 2025

Budh Gochar 2025: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह गोचर अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि यदि कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में हो, तो व्यक्ति के कारोबार में वृद्धि, मेहनत का पूर्ण फल एवं रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। वहीं, कमजोर बुध ग्रह से जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ज्योतिषी सलाह देते हैं कि उपयुक्त उपायों द्वारा बुध ग्रह को मजबूत करना चाहिए।


बुध का गोचर कब होगा?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध देव 11 फरवरी 2025, मंगलवार को दोपहर 12:58 मिनट पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इस गोचर का प्रभाव 26 फरवरी 2025 तक रहेगा। बुध गोचर के अगले दिन, अर्थात् माघ पूर्णिमा के दिन सूर्य देव भी कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इससे सूर्य का प्रभाव भी प्रबल होगा, जो विभिन्न राशियों पर मिलाजुला असर छोड़ सकता है।


बुध गोचर के संभावित प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। हालांकि, कुछ राशियों पर इसके अशुभ प्रभाव भी देखे जा सकते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है:


तुला राशि

अशुभ प्रभाव: तुला राशि के जातकों को बुध के कुंभ में गोचर के कारण करियर संबंधी बाधाएँ, वाद-विवाद और संवाद में समस्याएँ देखने को मिल सकती हैं। परिवार और प्रेम संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।

सलाह: इस दौरान तुला जातकों को अनावश्यक झगड़ों से बचते हुए अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहिए और अपने पिता या वरिष्ठों की सेहत पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

मकर राशि

अशुभ प्रभाव: मकर राशि के जातकों के लिए बुध गोचर के दौरान काम अधूरे रह सकते हैं, धन संबंधी लेन-देन में नुकसान हो सकता है और ऑफिस या व्यापार में विवाद की संभावना बढ़ सकती है।

सलाह: मकर जातकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने कार्यों में हड़बड़ी न करें, योजना बनाकर काम करें और वित्तीय लेन-देन में सतर्कता बरतें।


ज्योतिषी उपाय

यदि आपकी कुंडली में बुध का प्रभाव कमजोर दिखता है या आपका गोचर काल अशुभ प्रतीत होता है, तो ज्योतिषी निम्नलिखित उपाय सुझाते हैं:

बुध मंत्र का जप: बुध के मंत्र जैसे "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:" का नियमित पाठ करें।

उपवास और दान: माँ दुर्गा के हरे रंग का वस्त्र, हरा दुपट्टा या हरा चारा दान करने से भी बुध के प्रभाव में सुधार माना जाता है।

पूजा विधि: यदि संभव हो तो बुध के गोचर के दौरान विशेष पूजा अर्चना करें और शुभ मुहूर्त में व्रत रखें।


बुध गोचर का यह राशि परिवर्तन 11 फरवरी से 26 फरवरी तक आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर गहरा असर डाल सकता है। तुला और मकर जैसी राशियों के जातकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। अपनी कुंडली की स्थिति के अनुसार, यदि बुध कमजोर दिखाई दे, तो उचित ज्योतिषी उपायों और मंत्रों के माध्यम से उसे मजबूत करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उपरोक्त जानकारी धार्मिक आस्था एवं लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसे किसी वैज्ञानिक प्रमाण के रूप में न लें। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।