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Lord Shiva Mantra: प्रदोष व्रत और भगवान शिव के 108 नामों का महत्व

शिव पुराण में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। यह व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होता है, जिसमें शिवजी की पूजा करके व्यक्ति को अपने जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 25 Jan 2025 07:46:08 PM IST

Lord Shiva Mantra

Lord Shiva Mantra - फ़ोटो Lord Shiva Mantra

Lord Shiva Mantra: प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ माना गया है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और भगवान शिव तथा मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। शिव पुराण के अनुसार, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति को अपने जीवन की सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और वह मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करता है। यह व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है।


भगवान शिव के 108 नामों का महत्व

भगवान शिव को उनके विभिन्न रूपों और दिव्य शक्तियों के लिए 108 नामों से संबोधित किया जाता है। इन नामों का जप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आत्मिक बल और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव के 108 नामों का जप करना बेहद फलदायी माना जाता है। यह न केवल शिवजी की कृपा प्राप्त करने का मार्ग है, बल्कि इससे भक्त का आत्मबल और विश्वास भी बढ़ता है।


भगवान शिव के 108 पवित्र नाम

यहां भगवान शिव के कुछ प्रमुख नामों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान जपना शुभ माना गया है:

महाकाल

भीमेश्वर

विषधारी

बम भोले

विश्वनाथ

अनादिदेव

उमापति

गोरापति

गणपिता

ओंकारेश्वर

(पूरी सूची 108 नामों के लिए लेख में शामिल की जा सकती है)


पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग की पूजा के लिए जल, दूध, दही, शक्कर, घी और शहद से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा और पुष्प चढ़ाएं। भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करते हुए उनके 108 नामों का जप करें।


इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है। साथ ही, जरूरतमंदों को भोजन कराना भी पुण्य का कार्य है। पूजा के अंत में भगवान शिव से अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और उनकी कृपा की कामना करें।


प्रदोष व्रत के लाभ

जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है।

मानसिक और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।

भगवान शिव की कृपा से रोगों और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

इस व्रत से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।


प्रदोष व्रत और भगवान शिव के 108 नामों का जप भक्त को शिवजी के दिव्य आशीर्वाद से परिपूर्ण करता है। यह व्रत न केवल भक्त की आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है, बल्कि उसे जीवन में हर क्षेत्र में सफलता और सुख-शांति भी प्रदान करता है। जो व्यक्ति इस व्रत को श्रद्धा और नियम से करता है, उसे भगवान शिव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है।