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January 2025 festivals: 6 से 13 जनवरी तक मनाए जाने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की लिस्ट

नए साल के दूसरे सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है, और इस दौरान कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इस सप्ताह में गुरु गोविंद सिंह जयंती, पौष पुत्रदा एकादशी, शनि त्रयोदशी, और लोहड़ी जैसे प्रमुख पर्व शामिल हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 06 Jan 2025 10:00:24 AM IST

January 2025 festivals

January 2025 festivals - फ़ोटो January 2025 festivals

January 2025 festivals: नए साल का आगाज हो चुका है और इस सप्ताह में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाने वाले हैं, जो विशेष रूप से धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के महत्व को बढ़ाते हैं। 06 जनवरी से लेकर 13 जनवरी तक मनाए जाने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों में गुरु गोविंद सिंह जयंती, पौष पुत्रदा एकादशी, शनि त्रयोदशी, और लोहड़ी शामिल हैं। ये व्रत-त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति भी कराते हैं।


06 जनवरी: गुरु गोविंद सिंह जयंती

गुरु गोविंद सिंह जयंती हर वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। गुरु गोविंद सिंह, सिखों के दसवें गुरु और महान योद्धा थे, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। इस दिन सिख समाज विशेष रूप से उनकी शिक्षाओं, योगदान और साहस को श्रद्धा पूर्वक याद करता है। सिख गुरुद्वारों में विशेष पाठ, कीर्तन, और लंगर का आयोजन होता है।


07 जनवरी: मासिक दुर्गा अष्टमी

मासिक दुर्गा अष्टमी हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है, और भक्तजन उनके चरणों में अपने संकटों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। इस दिन व्रत रखने से जीवन में खुशहाली और शांति बनी रहती है। इस दिन विशेष रूप से मंत्र जाप और हवन भी किया जाता है, जो मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है।


09 जनवरी: मासिक कार्तिगाई दीपम

मासिक कार्तिगाई दीपम हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की दीपम तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। कार्तिकेय भगवान शंकर और देवी पार्वती के पुत्र हैं और युद्ध के देवता माने जाते हैं। इस दिन दीप जलाकर उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की जाती है।


10 जनवरी: पौष पुत्रदा एकादशी

पौष पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु की पूजा का एक विशेष दिन है, जो पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए है। भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है।


11 जनवरी: शनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रत

शनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रत दोनों का महत्व विशेष रूप से शनिवार को पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि से जुड़ा हुआ है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। शनि त्रयोदशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को शनि देव की विशेष कृपा मिलती है और जीवन में किसी भी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन विशेष रूप से ध्यान और व्रत का आयोजन किया जाता है।


12 जनवरी: स्वामी विवेकानंद जयंती और युवा दिवस

12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है, जो भारतीय समाज के महान संत और योगी थे। इस दिन को युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अनमोल योगदान दिया। इस दिन उनकी शिक्षाओं को स्मरण करते हुए देशभर में युवा कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।


13 जनवरी: पौष पूर्णिमा

पौष पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से पुण्य स्नान, ध्यान, पूजा और दान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा, यमुनाजी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर दान किया जाता है। साथ ही, इस दिन से कुंभ मेला की शुरुआत भी होती है। यह दिन विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए पुण्य अर्जित करने का दिन है।


इस सप्ताह के व्रत-त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये हमारे जीवन में आध्यात्मिक संतुलन और शांति भी लाते हैं। हर एक व्रत-त्योहार हमें अपने जीवन में संयम, भक्ति और कृतज्ञता की भावना सिखाता है। इन दिनों को अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाकर हम अपने जीवन को बेहतर और सुखी बना सकते हैं।