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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा 2025 कब है, शुभ योग और महत्व जानें

माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जो हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह दिन व्रत, स्नान, और दान के लिए पवित्र माना जाता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Feb 2025 10:58:37 AM IST

Magh Purnima 2025

Magh Purnima 2025 - फ़ोटो Magh Purnima 2025

Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन व्रत, स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। महाकुंभ में इस दिन चौथा अमृत स्नान किया जाता है। माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार माघ पूर्णिमा पर दो शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का आयोजन किया जाता है। साथ ही, स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। आइए जानते हैं इस बार माघ पूर्णिमा की तिथि, शुभ योग और मुहूर्त।


माघ पूर्णिमा 2025 की तिथि

पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर होगी और इसका समापन 12 फरवरी 2025 को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदया तिथि और चंद्रोदय समय के आधार पर माघ पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान 12 फरवरी, बुधवार को होगा।


माघ पूर्णिमा 2025 के 2 शुभ योग

इस वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं:

सौभाग्य योग: यह योग प्रातः काल से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।

शोभन योग: सौभाग्य योग के बाद शोभन योग प्रारंभ होगा, जो पूरी रात तक रहेगा।


नक्षत्र और भद्रा का समय

माघ पूर्णिमा के दिन अश्लेषा नक्षत्र प्रातः काल से लेकर शाम 7 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद मघा नक्षत्र आरंभ होगा।

इस दिन 3 मिनट की भद्रा भी लग रही है। भद्रा का समय सुबह 7 बजकर 2 मिनट से सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।


स्नान और दान का मुहूर्त

माघ पूर्णिमा पर स्नान और दान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त में है।

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 19 मिनट से सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक।

लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 7 बजकर 2 मिनट से सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक।

अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 8 बजकर 25 मिनट से सुबह 9 बजकर 49 मिनट तक।


माघ पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन और अर्घ्य का समय

माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का उदय शाम 5 बजकर 59 मिनट पर होगा। व्रत रखने वाले श्रद्धालु शाम 7 बजकर 22 मिनट से पहले चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें। चंद्रमा को अर्घ्य देने से कुंडली के चंद्र दोष दूर होते हैं।


माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान, व्रत और दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान और दान से व्यक्ति को कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन किए गए दान का प्रभाव अधिक होता है और पापों का नाश होता है।


महाकुंभ में चौथा अमृत स्नान

माघ पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ में चौथा अमृत स्नान होता है। तीर्थयात्री इस पवित्र स्नान के लिए कुंभ मेले में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। यह स्नान मोक्ष की प्राप्ति और आत्मिक शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। जो श्रद्धालु माघ पूर्णिमा का व्रत और स्नान करने की योजना बना रहे हैं, वे इन शुभ योगों और मुहूर्त का ध्यान रखें। यह दिन अध्यात्म, पुण्य और शांति प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है।