1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 02 Jan 2025 10:55:30 PM IST
Masik Durga Ashtami 2025 - फ़ोटो Masik Durga Ashtami 2025
Masik Durga Ashtami 2025: 07 जनवरी 2025 को वैदिक पंचांग के अनुसार मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी, जो विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होती है। इस दिन को लेकर धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं, जो इस दिन की पूजा को और भी खास बनाते हैं।
इस साल, मासिक दुर्गा अष्टमी पर खास बात यह है कि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग है। ज्योतिषियों के अनुसार, इन शुभ योगों में मां दुर्गा की पूजा से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलेगा और जीवन में खुशियां और समृद्धि का आगमन होगा।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 जनवरी को संध्याकाल 06:23 बजे प्रारंभ होकर 07 जनवरी को शाम 04:26 बजे समाप्त होगी। इस दिन विशेष मुहूर्त में पूजा करने से भक्तों को हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही इस दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है, जिससे पूजा और भी फलदायक होगी।
इस दिन विशेष रूप से शिववास योग का निर्माण भी होगा, जो कि शाम 04:26 बजे से लेकर रात भर रहेगा। यह समय भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी रहेगा। मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व इस बार खास मंगलकारी योगों के कारण भक्तों के लिए अत्यधिक शुभ साबित हो सकता है।
विशेष योग और उनके लाभ:
सर्वार्थ सिद्धि योग: दुर्गा अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम 05:50 बजे से शुरू होकर 08 जनवरी को सुबह 07:15 बजे तक रहेगा। इस दौरान रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी सक्रिय होंगे। इन योगों में पूजा करने से हर प्रकार की मनोकामना पूरी हो सकती है।
शिववास योग: यह योग शाम 04:26 बजे से प्रारंभ होकर रातभर रहेगा। इस समय मां दुर्गा और भगवान शिव का संगम माना जाता है। इस समय पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नक्षत्र एवं करण: इस दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है, साथ ही बव और बालव करण भी है। इन योगों में पूजा करने से घर में सुख-शांति और खुशियां आती हैं।
मासिक दुर्गा अष्टमी पर पूजा और व्रत रखने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों का भी निवारण होता है।