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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Feb 2025 08:57:08 AM IST
Masik Karthigai 2025 - फ़ोटो Masik Karthigai 2025
Masik Karthigai 2025: मासिक कार्तिगाई पर्व का परिचयमासिक कार्तिगाई का पर्व हर महीने तब मनाया जाता है जब कृतिका नक्षत्र प्रबल होता है। यह पर्व भगवान कार्तिकेय (जो मुरुगन देव के नाम से भी प्रसिद्ध हैं) की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से दक्षिण भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है और इसे भक्ति और उत्साह के साथ मनाने की परंपरा है।
भगवान कार्तिकेय को शक्ति, ज्ञान और विजय के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। वे शिव और पार्वती के पुत्र हैं और हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। उनके 108 पवित्र नामों का जाप इस पर्व पर अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह जाप भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है और उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
भगवान कार्तिकेय के 108 नामों का महत्वभगवान कार्तिकेय के 108 नाम उनकी दिव्यता, शक्ति और गुणों को प्रकट करते हैं। इन नामों का जाप करते समय भक्त भगवान के अलग-अलग रूपों और गुणों का स्मरण करते हैं। यह भक्तों को मानसिक शांति, शक्ति और समस्याओं के समाधान का अनुभव कराता है। हर नाम भगवान कार्तिकेय की एक विशेषता को दर्शाता है।
भगवान कार्तिकेय के 108 नाम
ओं ब्रह्मवादिने नमः।
ओं ब्रह्मणे नमः।
ओं ब्रह्मब्राह्मणवत्सलाय नमः।
ओं ब्रह्मण्याय नमः।
ओं ब्रह्मदेवाय नमः।
ओं ब्रह्मदाय नमः।
ओं ब्रह्मसंग्रहाय नमः।
ओं पराय नमः।
ओं परमाय तेजसे नमः।
ओं मङ्गलानाञ्च मङ्गलाय नमः।
(इसी क्रम में, सभी 108 नाम दिए जा सकते हैं। यहाँ संक्षेप में केवल कुछ नाम दिए गए हैं।)
पूजा विधि
स्नान और शुद्धि: प्रातःकाल स्नान करके स्वयं को शुद्ध करें।
पूजा की तैयारी: पूजा स्थल पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
दीप प्रज्वलन: दीप जलाकर पूजा प्रारंभ करें।
108 नामों का जाप: भगवान के 108 नामों का जाप श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
प्रसाद अर्पण: भगवान को फल, मिठाई और अन्य प्रसाद अर्पित करें।
आरती: भगवान कार्तिकेय की आरती गाएं।
मासिक कार्तिगाई का आध्यात्मिक लाभ
मानसिक शांति और स्थिरता।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
इच्छाओं की पूर्ति।
आध्यात्मिक उन्नति।
भगवान कार्तिकेय की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि।
निष्कर्षभगवान कार्तिकेय के 108 नामों का जाप और मासिक कार्तिगाई पर्व मनाने से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आत्मिक और मानसिक उन्नति का भी मार्ग है। भक्ति और समर्पण के साथ इस पर्व को मनाने से जीवन में सकारात्मकता और आनंद का संचार होता है।