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Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी 2025, भगवान विष्णु की पूजा और तुलसी से जुड़े उपाय

षटतिला एकादशी का पालन सच्चे मन से करने पर जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता की कृपा से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं और उन्हें विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Jan 2025 10:59:57 PM IST

Shattila Ekadashi 2025

Shattila Ekadashi 2025 - फ़ोटो Shattila Ekadashi 2025

Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी का व्रत और भगवान विष्णु की पूजा हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखते हैं। इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। हर माह में दो बार आने वाली एकादशी, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। इस वर्ष जनवरी में षटतिला एकादशी 25 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। आइए, जानते हैं इस पवित्र दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और तुलसी से जुड़े खास उपायों के बारे में।


षटतिला एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त

तिथि प्रारंभ: 24 जनवरी 2025, शाम 7:25 बजे

तिथि समाप्त: 25 जनवरी 2025, रात 8:31 बजे

व्रत पर्व: 25 जनवरी 2025 (शनिवार)

उदयातिथि के अनुसार, 25 जनवरी को षटतिला एकादशी मनाई जाएगी।


षटतिला एकादशी पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

भगवान विष्णु और तुलसी के पौधे की विधिपूर्वक पूजा करें।

तुलसी को हल्दी, रोली, चंदन और शृंगार सामग्री अर्पित करें।

तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं।

भगवान विष्णु को पीले फूल, पंचामृत और तिल के व्यंजन अर्पित करें।

विष्णु सहस्त्रनाम और तुलसी स्तोत्र का पाठ करें।


तुलसी से जुड़े उपाय

तुलसी में कलावा बांधें: यह उपाय जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।


मंत्र जप करें:

"महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी,

आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।"

लाल चुनरी अर्पित करें: तुलसी को लाल चुनरी, चूड़ियां, और सिंदूर चढ़ाना शुभ माना जाता है।


ध्यान रखने योग्य बातें

एकादशी के दिन तुलसी में जल न चढ़ाएं।

तुलसी के पत्ते न तोड़ें, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत करती हैं।

तामसिक भोजन और नकारात्मक सोच से बचें।

षटतिला एकादशी का पालन सच्चे मन से करने पर जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता की कृपा से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं और उन्हें विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।