ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार की इस नदी पर 200 करोड़ की लगत से बनेगा पुल, इंजीनियरों की टीम ने किया सर्वे Mansoon in Bihar: बिहार में मानसून की एंट्री को लेकर आई गुड न्यूज, मौसम विभाग ने दिया नया अपडेट Mansoon in Bihar: बिहार में मानसून की एंट्री को लेकर आई गुड न्यूज, मौसम विभाग ने दिया नया अपडेट Bihar News: मुर्गी की हत्या के बाद रोते-बिलखते थाने पहुंची महिला, देवर सहित 3 पर FIR दर्ज BIHAR CRIME: जहानाबाद में दिनदहाड़े 2.80 लाख की लूट, बैंक से पैसे निकालने गई महिला को बनाया निशाना Bhojpur News: अजय सिंह ने जन्मदिन पर 18 गांवों के खिलाड़ियों के बीच खेल किट का किया वितरण, युवाओं में दिखा भारी उत्साह Bhojpur News: अजय सिंह ने जन्मदिन पर 18 गांवों के खिलाड़ियों के बीच खेल किट का किया वितरण, युवाओं में दिखा भारी उत्साह Life Style: बच्चों को जरूरत से ज्यादा मीठा खिलाना पड़ सकता है भारी, हो सकती है यह गंभीर समस्या पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से मचा हड़कंप, 4 महिलाओं की दर्दनाक मौत, 6 की हालत गंभीर Viral Video: चलती बाइक पर रोमांस कपल को पड़ा भारी, पुलिस ने काट दिया भारी भरकम चालान; वीडियो वायरल

Mahakumbh: महाकुंभ में नाक तक सिंदूर लगाने की परंपरा, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने वाली महिलाओं के नाक तक सिंदूर लगाने की परंपरा का बहुत गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह सिंदूर सिर्फ एक श्रृंगार नहीं है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 Jan 2025 06:50:48 AM IST

Mahakumbh:

Mahakumbh: - फ़ोटो Mahakumbh:

Mahakumbh: प्रयागराज में इस समय महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा, और इस दौरान संगम में स्नान करने वाली महिलाओं को नाक तक सिंदूर लगाए हुए देखा जा रहा है। यह दृश्य अपने आप में बहुत खास है। हम जानते हैं कि सिंदूर सिर्फ एक श्रृंगार का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। आइए, इस परंपरा और इसके पीछे की मान्यता को समझते हैं।


नाक से सिर तक सिंदूर का महत्व

महिलाएं जब पवित्र संगम में स्नान करती हैं, तो इसके बाद वे सिर से लेकर नाक तक सिंदूर लगाती हैं। इस सिंदूर को सूर्य की लालिमा से भी जोड़ा जाता है, जो ऊर्जा, शक्ति और जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, सिंदूर की लंबी रेखा, जो महिला के नाक से सिर तक होती है, यह मान्यता प्रकट करती है कि महिला के पति की उम्र लंबी होगी और उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

इस प्रकार, सिंदूर न सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह एक आशीर्वाद भी है जो महिला के जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है।


नारंगी सिंदूर का विशिष्ट महत्व

जहां सामान्य रूप से शादीशुदा महिलाएं लाल रंग का सिंदूर लगाती हैं, वहीं बिहार और झारखंड की महिलाएं सिर से नाक तक नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं। यह परंपरा विशेष रूप से इन राज्यों में निभाई जाती है। इसका एक खास कारण है – हनुमान जी को नारंगी रंग का सिंदूर चढ़ाया जाता है, और यह रंग शुभ माना जाता है। हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है, जबकि शादी के बाद महिला का ब्रह्मचर्य व्रत समाप्त हो जाता है और वह ग्रहस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाती है। इसलिए, यह परंपरा इन राज्यों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।


तरक्की का संकेत सिंदूर की लंबी रेखा

सनातन धर्म में सिंदूर की रेखा को महिला के पति की तरक्की का प्रतीक भी माना जाता है। जितनी लंबी सिंदूर की रेखा होती है, उतनी अधिक तरक्की की संभावना मानी जाती है। इस कारण महिलाएं हमेशा इस रेखा को लंबा रखने का प्रयास करती हैं। यह रेखा सिर्फ सौंदर्य तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह समृद्धि और खुशहाल जीवन के प्रतीक के रूप में देखी जाती है।


कुंवारी कन्याओं के लिए शुभ संकेत

एक और मान्यता यह है कि यदि किसी कुंवारी कन्या पर किसी शादीशुदा महिला का सिंदूर गिर जाता है, तो उसकी शादी जल्दी होने की संभावना होती है। यह एक प्रकार की शुभ शुरुआत मानी जाती है, जो भविष्य में अच्छे और समृद्ध जीवन की ओर इशारा करती है।


महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने वाली महिलाओं के नाक तक सिंदूर लगाने की परंपरा एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जो न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि जीवन की सुख-समृद्धि और आशीर्वाद का भी संकेत देती है। यह परंपरा महिलाओं के जीवन में ऊर्जा, शक्ति और खुशहाली का संचार करती है। चाहे वह नारंगी सिंदूर की मान्यता हो या सिंदूर की लंबी रेखा का महत्व, यह सभी पहलू जीवन के अच्छे और समृद्ध भविष्य की ओर इशारा करते हैं।