Tejashwi Yadav: “मेयर और उनके देवर के दो-दो ईपिक नंबर, गुजरात के BJP नेता भी बिहार के वोटर बने”, चुनाव आयोग पर तेजस्वी का हमला INDvsPAK: "हमारे जवान घर वापस नहीं आते और हम क्रिकेट खेलने जाते हैं", एशिया कप पर बड़ी बात बोल गए हरभजन सिंह; मीडिया को भी लपेटा Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव पर आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 30 May 2025 07:56:08 AM IST
PM मोदी को धमकी देने वाला गिरफ्तार - फ़ोटो Google
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार दौरे के दौरान व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी मिलने से प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया था। 29 मई 2025 को दोपहर में प्रधानमंत्री कार्यालय को प्राप्त इस धमकी भरे संदेश ने सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत हरकत में ला दिया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी, खुफिया ब्यूरो, और गृह मंत्रालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिहार के भागलपुर पुलिस को इसकी जांच सौंपी। मात्र चार घंटे के भीतर भागलपुर के सुल्तानगंज से आरोपी समीर रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए।
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हृदयकांत के नेतृत्व में डीएसपी, टेक्निकल सेल, और सुल्तानगंज थाना की टीम ने कॉल डिटेल, लोकेशन ट्रेसिंग, और सिम रजिस्ट्रेशन डेटा की गहन पड़ताल की। पता चला कि धमकी वाला नंबर 71 वर्षीय बुजुर्ग मंटू चौधरी के नाम पर रजिस्टर्ड था। यह खुलासा हुआ कि आरोपी ने फर्जी पहचान या कागजात का इस्तेमाल कर सिम एक्टिवेट किया था, जिससे मामला साइबर फ्रॉड की गंभीर साजिश की ओर इशारा करने लगा।
इसके बाद पुलिस ने वीपीएन और व्हाट्सएप कॉल के जरिए भेजे गए मैसेज को ट्रेस कर समीर रंजन तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। समीर रंजन (35 वर्ष), सुल्तानगंज के महेशी गांव का निवासी, BCA ग्रेजुएट है और कोविड-19 महामारी से पहले एक निजी कंपनी में काम करता था। महामारी के बाद वह बेरोजगार हो गया, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई।
पूछताछ में समीर ने बताया कि बेरोजगारी, आर्थिक तंगी, और मानसिक तनाव ने उसे इस खतरनाक कदम की ओर धकेल दिया। उसने स्वीकार किया कि धमकी देने के पीछे कोई संगठित साजिश नहीं थी, बल्कि यह उसकी बेचैनी और हताशा का नतीजा था। पुलिस के अनुसार, समीर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, लेकिन उसकी मानसिक अस्थिरता इस घटना की मुख्य वजह रही।
भागलपुर पुलिस की फुर्ती और टेक्निकल दक्षता ने इस मामले को तेजी से सुलझा लिया। SSP हृदयकांत ने पूरे ऑपरेशन की निगरानी की, और चार घंटे में आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस अब समीर से गहन पूछताछ कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई अन्य व्यक्ति या मकसद इस धमकी के पीछे शामिल नहीं है।