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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 17 Apr 2025 07:20:20 PM IST
के के पाठक - फ़ोटो GOOGLE
KK Pathak: भोजपुर जिले में वर्षों से लंबित बकाया राशि को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। राजस्व परिषद बिहार के अध्यक्ष केके पाठक (KK Pathak) की सख्ती के बाद जिले में बकायेदारों और नीलामवाद मामलों पर त्वरित कार्रवाई शुरू हो गई है। केके पाठक ने जिले के सभी नीलामवाद पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सभी पुराने मामलों की समीक्षा कर जल्द से जल्द निष्पादन करें। इसके बाद भोजपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है। पुराने फाइलों की छानबीन हो रही है और जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
17 बकायेदारों पर बॉडी वारंट जारी
प्रशासन की इस मुहिम के तहत अब तक जिला पंचायती राज पदाधिकारी सह नीलामवाद पदाधिकारी से जुड़े 17 मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए बॉडी वारंट जारी कर दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक को आदेश भेजते हुए संबंधित थाना प्रभारी को इन बकायेदारों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इन बकायेदारों में सबसे अधिक मामले बिहिया थाना क्षेत्र के हैं, जहाँ 10 व्यक्तियों के खिलाफ वारंट जारी हुआ है। अन्य क्षेत्र जैसे आरा नगर, कोईलवर, नवादा, उदवंतनगर और सिकरहट्टा से भी संबंधित लोग शामिल हैं। ये सभी बकाया वर्ष 2016-17 से लेकर अब तक का है और अधिकांश मामलों में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से जुड़ा कर्ज शामिल है।
बकायेदारों की सूची
नीलामवाद पदाधिकारी द्वारा जिन लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ है बिहिया थाना क्षेत्र के संजय कुमार ओझा (कटेया),रंजीत कुमार ओझा, कमल ओझा, सूर्य कुमार यादव, मनोज कुमार ओझा, शिवकुमार ओझा, विश्वनाथ सिंह (कमरियांव) और ओंकार नाथ पांडे (बनाही) शामिल है। इसके अलावा अन्य क्षेत्र में सुनील कुमार सिंह (मां विंध्यवासिनी राइस मिल, मानियआरा), शशि सिंह (मानियआरा), मुंद्रिका प्रसाद (मीरगंज, आरा नगर), सुरेंद्र प्रसाद यादव (मोती टोला, वार्ड 28), रंजीत कुमार (गौतम बुद्ध नगर, नवादा), कुमार गौरव (मोखलिसा, कोईलवर), रविंद्र कुमार सिंह (श्रीपालपुर, कोईलवर), मुकेश कुमार राय (बागर, सिकरहट्टा), टुनटुन सिंह (मसाढ़, गजराजगंज, उदवंतनगर) और डीएम तनय सुल्तानिया की पहल में शामिल है।
वहीं, भोजपुर जिले में लंबित पड़े 15 हजार से अधिक मामलों को देखते हुए जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने विशेष रणनीति अपनाई है। उन्होंने 41 नीलामवाद पदाधिकारी नियुक्त किए हैं और उन्हें अलग-अलग बैंकों तथा विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि कार्रवाई तेजी से हो सके। इस पहल के बाद से मामलों के निपटारे में तेज़ी आई है। जिले में यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है।
आगे क्या?
प्रशासन का कहना है कि यह प्रक्रिया यहीं नहीं रुकेगी। अब सभी विभागों और बैंकों से जुड़े बकायेदारों की सूची बनाई जा रही है और हर हफ्ते समीक्षा कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिले में एक नोडल सेल भी बनाया जा रहा है, जो इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा।