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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 11 May 2025 07:00:53 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Crime News: बिहार के गया से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 12 नाबालिग लड़कियों के साथ एक मानव तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, गया रेलवे स्टेशन परिसर से रविवार को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 नाबालिग लड़कियों के साथ एक मानव तस्कर को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तस्कर निरंजन कुमार, पटना जिले के मसौढ़ी थाना अंतर्गत मातौड़ी गांव का निवासी है। वह इन किशोरियों को तमिलनाडु के एक कपड़ा कारखाने में नौकरी दिलाने के बहाने ले जा रहा था।
RPF निरीक्षक राम विलास राम के अनुसार, स्टेशन परिसर में गश्ती के दौरान जवानों को प्लेटफॉर्म पर एक ही समूह में खड़ी लड़कियां संदिग्ध अवस्था में दिखाई दीं। जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे सभी झारखंड राज्य के पलामू जिला के पाकी, सतबरवा, पाटन समेत छह थाना क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों की निवासी हैं। तस्कर ने उन्हें बताया था कि उन्हें तमिलनाडु के धागा कारखाने में 375 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी पर काम मिलेगा। लड़कियां गरीबी और बेरोजगारी की मार झेल रहे परिवारों से ताल्लुक रखती हैं और रोजगार की उम्मीद में उसके झांसे में आ गईं।
प्रारंभिक जांच में सभी किशोरियों के पास आधार कार्ड पर 18 वर्ष से अधिक उम्र दर्ज थी, लेकिन जब परिजनों को सूचित कर शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की गई, तो खुलासा हुआ कि कई छात्राएं सातवीं, आठवीं और मैट्रिक की पढ़ाई कर रही हैं। यह स्पष्ट हुआ कि फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उन्हें कानूनी रूप से बालिग दर्शाया गया ताकि उन्हें बाल श्रम कानून से बचाते हुए मजदूरी पर ले जाया जा सके। आरपीएफ ने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित कर सभी लड़कियों को उनके संरक्षण में सौंप दिया है, ताकि उन्हें सुरक्षित रूप से परिजनों तक पहुंचाया जा सके। वहीं गिरफ्तार मानव तस्कर को राजकीय रेल थाना (GRP) के हवाले कर दिया गया है। जीआरपी थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी को रेलवे न्यायालय, गया के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
गया रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एक माह पहले, इसी स्टेशन पर RPF ने गया जिले के सुदूर गांव की चार किशोरियों को ले जाते समय दो तस्करों को गिरफ्तार किया था। वहीं, पिछले वर्ष कैमूर पहाड़ी क्षेत्र के गांवों की 20 लड़कियों को सिलाई और कंप्यूटर सिखाने के नाम पर चेन्नई ले जाया जा रहा था, जिन्हें समय रहते बचा लिया गया।
आरपीएफ के मुताबिक, झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय मानव तस्करों का नेटवर्क, गरीब परिवारों को रोजगार, शिक्षा और बेहतर जीवन का सपना दिखाकर लड़कियों को मजदूरी, घरेलू काम और कभी-कभी देह व्यापार में धकेलने का प्रयास करता है। आरपीएफ निरीक्षक राम विलास राम ने बताया कि स्टेशन पर मानव तस्करी रोकथाम को लेकर विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। प्लेटफॉर्मों, ट्रेनों और स्टेशन परिसर में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि यदि किसी को किशोर-किशोरियों के समूह को अनजान व्यक्ति के साथ संदिग्ध हालत में देखें, तो तुरंत RPF या चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित करें।